डेस्क : आज हम आपके आगे एक ऐसी कामयाबी की कहानी लेकर आए हैं जिसको जानकर आपको जरूर प्रेरणा मिलेगी। बता दे की उत्तर प्रदेश की रहने वाली कानपुर जिले की गुंजन ने अपने अथक प्रयास के बाद यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की। जब वह अपनी स्नातक पूरी कर रही थी तो आखिरी समय में उन्हें इंटर्नशिप करने का मौका मिला। यह इंटर्नशिप उन्होंने एक गांव से पूरी की। गांव में जब उन्होंने आए दिन समस्याओं को देखा तो उससे उनके भीतर एक आग जली और उन्होंने फैसला किया कि वह सिविल सेवक बनकर लोगों की सेवा करेंगी।
शुरुआती दिनों से ही वह पढ़ाई करने में काफी अच्छी थी। ऐसे में उन्होंने आईआईटी की परीक्षा पास करके आईआईटी रुड़की में एडमिशन लिया था, एडमिशन के दौरान उन्होंने अच्छे अंक प्राप्त किए थे, जिसके बाद उनकी प्राइवेट नौकरी लग गई। नौकरी के बाद उन्होंने फैसला किया की वह सिविल सेवा की तैयारी करेंगी। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ना उचित समझा। फिर वह नौकरी छोड़ने के बाद पूरी तरह से तैयारी में जुट गई। पहले प्रयास में वह असफल हो गई और इंटरव्यू तक नहीं पहुँच पाई। इस वजह से उनका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं आया।इसके बाद उन्होंने वह काम क्या जो आजतक किसी ने नहीं किया था। गुंजन ने इस परीक्षा को तीसरे प्रयास में 16 वी रैंक हासिल करके दिखा दिया की वह एक अच्छी सिविल सेवक बन सकती हैं।
गुंजन का कहना है कि वह तीसरे और दूसरे प्रयास में खूब मेंस आंसर राइटिंग प्रक्टिस करती थी, जिसके बाद उनको अच्छे अंक प्राप्त हुए और उनका सिलेक्शन हुआ। तैयारी के दौरान उनकी माताजी भी उनका भरपूर सहयोग दे दी थी। गुंजन का कहना है कि जो भी अभ्यर्थी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं वह अपने आप को मोटिवेट रखने के लिए अपनी गलतियों की ओर ध्यान दें और उनको सुधारें। वह समय-समय पर अपना सिलेबस देखते रहें और उसको पूरा करने का भरपूर प्रयास करें। उनका मानना है कि यूपीएससी का सिलेबस इतना बड़ा है कि यदि आप गलत रणनीति बनाते हैं तो बाद में परेशानी झेलनी पड़ सकती है।