Navjot Singh Sidhu पटियाला जेल में बनें कैदी नंबर 241383, अब बाकी मजदूरों की तरह करेंगे साल भर मजदूरी

Desk : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू(Navjot Singh Sidhu) ने रोडरेज मामले में शुक्रवार शाम पंजाब के पटियाला जिले में समर्पण कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रोड रेज के तीन दशक पुराने मामले में उन्हें एक साल की कारावास की सजा सुनाई थी. इस घटना में पटियाला के रहने वाले गुरनाम सिंह की मृत्यु हो गयउ थी. हालांकि सिद्धू के प्रतिद्वंद्वी अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया भी ड्रग केस के मामले में उसी जेल में बंद हैं, वो पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान सिद्धू के खिलाफ अमृतसर ईस्ट सीट से लड़े थे.

बता दें कि दोनों चुनाव हार गए और आम आदमी  पार्टी की जीवनजोत कौर ने बड़े मतों से दोनों को हराया था. हालांकि अब पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने वाले सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.कैसी रहेगी जेल की ज़िंदगी? बता दें कि जेल में कैदियों को उनके काम के अनुसार रोज 30 से 90 रुपये तक मिलते हैं. पर जेल में पहले तीन महीनों में दोषियों को कोई मेहनताने नहीं दिया दिया जाता है. लेकिन 3 महीनों के बाद उन्हें सेमी स्किल्ड, अनस्किल्ड, और प्रशिक्षित कैदी की तरह चिन्हित किया जाता है. जो भी कैदी जेल में रहता हैं वो अपराधी की श्रेणी में आता है और उसे दिन में आठ घंटे तक रोज़ाना काम करना पड़ता हैं. इसके बाद उनकी मेडिकल जांच कराई जाती है.

मेडिकल जांच के बाद पुलिस जीप में बिठाकर जेल ले जाती हैं, फिलहाल सिद्धू की सारी प्रकिया पूरी हो चुकी और वो जेल जा चुके है. खास किस्म की पोशाक पहनने वाले सिद्धू को जेल में सिर्फ सफेद कपड़े ही पहनने को मिलेंगे. गौरतलब है कि 27 दिसंबर 1988 को सिद्धू की पटियाला के गुरनाम सिंह नाम के एक व्यक्ति के साथ पार्किंग को लेकर बहस हो गई. सिद्धू और उनके मित्र रुपिंदर सिंह संधू ने गुरनाम सिंह को उनकी कार से बाहर घसीटा और हमला किया. इस हमले में सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

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