डेस्क : श्रीमती तुलसी गौड़ा एक समाजसेविका है जिनको पर्यावरण को बचने के लिए राष्ट्रपति भवन में सम्मान मिला। लोग उस वक्त हैरान रह गए जब उन्होंने पद्म श्री सम्मान के बीच एक ऐसी महिला को देखा जिसके तन पर सिर्फ एक कपड़ा लिपटा हुआ था। नंगे पैर पहुंची इस बुजुर्ग महिला के चेहरे पर गजब का तेज़ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके आगे नतमस्तक हो गए।
आखिर कौन हैं ये महिला और इन्हें पदमश्री सम्मान क्यों दिया गया ?
इस बुजुर्ग महिला का नाम तुलसी गौड़ा है। 77 वर्षीय तुलसी कर्नाटक की रहने वाली है। तुलसी पर्यावरण को लेकर काम करती हैं। लोगों उन्हें जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया कहते हैं। पेड़ पौधों के बारे में उनकी समझ किसी भी वैज्ञानिक से बहुत ज्यादा है।
बीते 6 दशकों में तुलसी 30,000 से ज्यादा पौधे लगा चुकी है। पूरी दुनिया के नेता जब धरती को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं और बड़ी-बड़ी मीटिंग्स की जा रही है तो वहीँ तुलसी ने जमीन पर उतरकर जो काम किया है, वह काफी प्रशंसनीय है।
तुलसी के काम का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। तुलसी कभी स्कूल नहीं जा पाई। इसके बावजूद उन्होंने पेड़ पौधों और वनस्पति के बारे में इतना ज्ञान खुद ही इकट्ठा किया है। जब वह 3 साल की थी तब उनके पिता का देहांत हो गया था। छोटी उम्र में ही उन्होंने अपनी माँ के साथ नर्सरी में काम करना शुरू कर दिया था। यहीं से उन्हें पेड़ पौधों से लगाव हुआ और फिर तुलसी ने 30,000 पेड़ लगा डाले। आज के दौर में जहां आदमी एक पेड़ नहीं लगा पाता वहाँ माँ तुलसी ने पूरा का पूरा जंगल खड़ा कर दिया है।