1 अप्रैल से बदल जाएंगे सैलरी और काम के नियम, मोबाइल के टैरिफ में भी आएँगे बड़े बदलाव – यहाँ जानें सब कुछ

डेस्क : सरकार समय-समय पर कानून में बदलाव लाती है और इसके पीछे सिर्फ एक ही उद्देश्य होता है और वह है जनता की भलाई। जनता की भलाई के साथ-साथ अगर सरकार का भला हो जाए तो यह एक सोने पर सुहागा वाली बात होती है लेकिन सरकार ने इस बार जो श्रम कानूनों में परिवर्तन लाए हैं उनके चलते अब 1 अप्रैल से बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

साथ ही मोबाइल पर जो टैरिफ लगता है। उसमें भी बदलाव आएँगे, इसका असर सीधा आम जनता की जेब पर होगा, अगर आप कहीं नौकरी भी करते हैं तो आपकी सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव किए जाएंगे। विशेषज्ञों ने साफ़ कह दिया है की कंपनी जो सीटीसी हमेशा से देती आई है उसमें बदलाव किया जाएगा। नए कानून के मुताबिक़ किसी भी कर्मचारी के भक्ते को उसके वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता। इन कानून को लाने के बाद से गरटुइटी के नियोक्ता के भुगतान पर इसका असर देखने को मिलेगा।

अगर आपने समय सीमा से हटकर 15 मिनट भी काम किया है तो इसका पूरा पैसा आपको मिलेगा। नए श्रम कानून के हिसाब से ओवरटाइम और कन्वेंस बतौर पी.एफ योगदान, पेंशन सब को बाहर कर दिया जाएगा और मूल वेतन को 50 फ़ीसदी या उससे भी ज्यादा रखना होगा। इसके चलते अब सैलेरी स्ट्रक्चर लोगों के बदल जाएंगे। जो इन हैंड तनखा मिलती थी उसमें भी कटौती देखने को मिल सकती है। पीएफ जैसी सुविधा पर कटौती की जाएगी और ढ़ाई लाख से ज्यादा पीएफ जमा करने पर सरकार ब्याज लेगी।

इस वक्त जो भारत में कानून मौजूद है उसमें लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति 30 मिनट से कम कार्य करता है तो उसका ओवरटाइम नहीं गिना जाएगा लेकिन नए कानून के हिसाब से अगर कोई 15 या 20 मिनट भी कार्य करता है तो उसका टाइम गिना जाएगा। ऐसे में नए कानून में यह भी लिखा है कि व्यक्ति को 12 घंटे काम करना होगा, जिसके चलते वेतन घटेगा और पीएफ बढ़ेगा। अगर 12 घंटे की ड्यूटी कोई व्यक्ति कर रहा है तो 5 घंटे के बाद अंतराल देना आवश्यक होगा।

काफी समय से दूरसंचार एवं मोबाइल की कंपनियां अपनी दरों को बढ़ाने की बात कर रही थी। बता दे कि दरें इसलिए बढ़ रही है क्योंकि पिछले साल AGR का भुगतान करने में वह सक्षम नहीं रही थी, जिसके चलते अब नए कानून के तहत टैरिफ बढ़ाए जाएंगे और इससे डेढ़ लाख करोड़ तक का फायदा कंपनियां उठाएंगी, जिसके अंतर्गत फिलहाल पंद्रह टेलीकॉम कंपनियां आ चुकी है यह राशि टाटा टेलीसर्विसेज पर 16 करोड़, वोडाफोन आइडिया पर 50 करोड़ और एयरटेल पर 25 करोड़ है। ऐसे में अगर बात करें सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी जियो की तो उसने अपना भुगतान लॉकडाउन से पहले ही कर दिया था।

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