पाकिस्तान में छाया ब्लैकआउट: विदेशों से कोयला खरीदने का पैसा खतम, छाई बदहाली

डेस्क : श्रीलंका की तरह पाकिस्तान में भी बिजली संकट गहराता जा रहा है.  पाकिस्तान में घरों और फैक्ट्रियों की बिजली आपूर्ति में कटौती की जा रही है।  ऐसा इसलिए है क्योंकि श्रीलंका की तरह पाकिस्तान भी विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है।  इस कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान अन्य देशों से कोयला या प्राकृतिक गैस खरीदने की स्थिति में नहीं है जिससे बिजली संयंत्र का संचालन प्रभावित हो रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण आपूर्ति बाधित होने के कारण तरलीकृत प्राकृतिक गैस और कोयले की कीमतें पिछले महीने रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं।  रिपोर्ट के मुताबिक कीमतों में तेजी ने दक्षिण एशियाई देश के लिए हाजिर बाजार से ईंधन खरीदना मुश्किल बना दिया है।

3,500 मेगावाट क्षमता का संयंत्र बंद : पाकिस्तान के नवनियुक्त वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल के ट्विटर पोस्ट के अनुसार, देश में ईंधन की कमी के कारण 13 अप्रैल तक 3,500 मेगावाट बिजली संयंत्र बंद कर दिए गए थे। वही क्षमता का प्लांट तकनीकी कमियों के चलते ऑफलाइन है।  कराची में आरिफ हबीब लिमिटेड के शोध प्रमुख ताहिर अब्बास के अनुसार, 7,000 मेगावाट देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता का लगभग 25 प्रतिशत है।

आर्थिक संकट ने बढ़ाई आर्थिक चुनौती : बिजली की कमी ने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।  ऐसा इसलिए है क्योंकि देश पहले से ही आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है।  शरीफ को देश का नया ऊर्जा मंत्री नहीं बनाया गया है।  पाकिस्तान मुख्य रूप से अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है और ईंधन की बढ़ती कीमतों का असर इस देश में महसूस किया जा रहा है।

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