निलंबित IAS पूजा सिंघल की बेटी के सीबीएसई 12th में आए 98% नंबर, कहा- मां की तरह बनना है ऑफीसर

सीबीएसई ने कल दसवीं और बारहवीं के रिजल्ट घोषित कर दिए। इस क्रम में झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की बेटी आयुषी पुरवार को करीब 98% मार्क्स 12वीं में मिले हैं। मालूम हो आयुषी पुरवार को समाजशास्त्र में 100% मार्क्स आए हैं। इसके साथ अन्य विषयों में 96% अंक मिले। मार्क्स देख कर आयुषी ने बताया कि जब वह परीक्षा देने जा रही थी तो उनके घर में घर में ईडी रेड कर रही थी। इन हालातों के बीच उन्होंने पेपर दिया और सफलता हासिल की। रिजल्ट देख आयुषी ने बताया कि मैं अपनी मां की तरह ही आईएएस अफसर बनना चाहती हूं। बता दें आयुषी ने अभी दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के कॉलेजों में पॉलिटिकल साइंस और साइकोलॉजी से ऑनर्स के लिए फॉर्म भरा है और अपना पूरा ध्यान इसी पर लगा रहीं हैं। बता दें उनकी मां पूजा सिंघल भी अपनी पढ़ाई हमेशा अव्वल रहीं हैं। इस वक्त पूजा सिंघल मनरेगा घोटाले में जेल में बंद हैं, साथ ही उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।

रिजल्ट के बाद मां को मिस कर रही आयुषी रिजल्ट आ जाने के आयुषी ने कहा- ‘मैं सबसे ज्यादा मां को मिस कर रही हों। वो मेरा सपोर्ट सिस्टम हैं। हर कामयाबी में वो मेरे साथ रहती थीं।’ मालूम हो की रिजल्ट आने के बाद सबसे पहले आयुषी अपने मार्क्स अपनी मां को ही बताना चाहती थी पर ये मुमकिन नहीं था। आयुषी के मार्क्स पर उनके पिता अभिषेक झा ने कहा कि बेटी हमारे लिए प्रेरणास्रोत है।

मुश्किल समय में दी परीक्षा आयुषी के लिए ये समय बहुत मुश्किलों भरा था। ये एग्जाम का समय उनके लिए बहुत कठिनाइयों भरा था, चाहे वो एक बेटी के रूप में ही या एक विद्यार्थी के रूप में। एक और जहां आयुषी के पेरेंट्स पर m भ्रष्टाचार और गबन के आरोप लगे। जिसके साथ पूरे देश भर में उनके भ्रष्टाचार की कहानियां बताई जा रही थी, साथ ही ED रोज उनसे पूछताछ कर रही थी। तो दूसरी ओर उसका खुद का भविष्य उसका करियर। मालूम हो इन हालातों में भी आयुषी ने परीक्षा नहीं छोड़ा ED की जांच से निकल कर टाइम से वो सभी परीक्षाओं में मौजूद रही।

मां के जेल में होने के बाद भी पढ़ाई में लगाया मन आयुषी ने बताया कि, ‘पहले दिन तो किसी ने कुछ नहीं पूछा। दूसरे एग्जाम तक सभी जानते थे। जिसके बाद लोगों ने सवाल पूछ पूछ कर तंग कर दिया। हालात और मुश्किल हो रहे थे। इसी दौरान 24 मई को मां को अरेस्ट भी कर लिया गया। पर मैंने ये सब नजरंदाज किया और पढ़ाई में लगी रही।’ आयुषी ने बताया की ऐसे समय में उन्होंने जो पहले तैयारी की थी उसका बहुत लाभ मिला। हालांकि ED अफसरों ने भी उन्हें परीक्षा के दौरान सपोर्ट किया। आयुषी ने बताया, ‘उन्होंने न कभी मेरी पढ़ाई को डिस्टर्ब की और न ही कभी परीक्षा देने से रोका। साथ ही एग्जाम की तैयारी के लिए मुझे एक अलग कमरा दिया गया था। वहां कभी कोई नहीं आए। कभी कुछ पूछताछ नहीं की गई।’

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