इस आईएएस अधिकारी ने दिल से की लोगों की सेवा, जब तबादला हुआ तो लोगों ने रोका बोले “आपके बिना हम कुछ नहीं”

डेस्क : भारत के केरल राज्य में प्राकृतिक विपदा समय समय पर आती रहती है। लोग इन विपदाओं से उभरना अच्छे से जानते हैं। केरला के इस जिले का नाम “पथानामथिट्टा” है। इस जगह पर एक ऐसे कलेक्टर तैनात हैं जो लोगों की बढ़चढ़कर सेवा कर रहे हैं। लोगो के बीच उतरकर उनकी मदद करना ही उनका कर्तव्य है। कलेक्टर का नाम पी बी नूह है। केरला के लोग उनको एक सुपरस्टार की तरह देखते हैं।

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पी बी नूह एर्नाकुलम से हैं और उनके पिताजी की राशन की दूकान है जिससे उनकी जीविका चलती है। कलेक्टर बाबू का कहना है की घर पर 10 लोग और हैं। हमारे माता पिता ने स्कूल से छुट्टी कभी नहीं लेने दी, उनका बस एक सपना था की सभी बच्चे अच्छे से पढ़ लिख कर अपनी जिंदगी में एक अच्छा कार्य करें। पी बी नूह बताते हैं की उनके भाई के मार्गदर्शन से ही उनको आईएएस की तैयारी करने का मौक़ा मिला।

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आईएएस पीबी नूह एक डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन पैसे के अभाव के चलते उनको सरकारी स्कूल में जाना पड़ा जहाँ उनकी पढाई पूरी हुई। बारहवीं कक्षा पास करने के बाद एहसास हुआ की खेती करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है लेकिन ज्यादा जानकारी न होने की वजह से कुछ ख़ास कर नहीं पाया और मन भटका हुआ रहने लगा। पी बी नूह को आत्मविश्वास आईएएस की पढाई पर तब आया जब उनके भाई ने UPSC पास कर लिया। इसके बाद उन्होंने भी आईएफएस क्लियर किया इसके बाद दोबारा परीक्षा दी और आईएएस बन गए।

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अब उनकी पकड़ सिर्फ जिले के लोगों तक ही नहीं बल्कि पूरे केरला में हो गई है। उनकी सी.पी.एम. के विधायक जेनिश कुमार के साथ एक तस्वीर भी इंटरनेट पर आई थी। उन्होंने कई ऐसे परिवारों की मदद की है, जो इस वक्त आइसोलेटेड हैं वह कई दूर इलाकों में जाकर अपने कंधे पर राशन की बोरी उठाकर मदद करते हैं। एक समय ऐसा था जब “पथानामथिट्टा” में काफी ज्यादा कोरोना के मामले थे लेकिन अब वह ग्रीन जोन में आ गया है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धी है। दरअसल यहां पर कोरोना से ग्रसित लोग आये थे उनकी संख्या सिर्फ 5 थी और वह पूरे केरला में घूम रहे थे।

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इसके बाद जहाँ भी वह गए वहां पर कई लोगों से मिले, इस बात से पीबी नूह को अंदाज़ा लग गया की अब ख़तरा बढ़ सकता है इसलिए उन्होंने आनन फानन में मीटिंग बुलाई और सभी हेल्थ वर्कर्स एवं 50 डॉक्टर्स की टीम तैयार की। ऐसे में इटली से आए लोगों के चप्पे चप्पे पर नजर रखी गई और वह कहाँ से आए कहाँ को गए सब कुछ देखा जांचा गया, और मात्र 40 दिन के अंदर जिले को ग्रीन जोन में बदल दिया। अब वह अपने जिले में अपने कार्य को लेकर प्रसिद्ध हो चुकें हैं जिसके चलते लोगों ने सरकार से अपील की है की वह उनको कहीं भी जाने नहीं देंगे।

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