क्या अब नए वायरस से लड़ने के लिए बदली जाएगी वैक्सीन ? जानें क्या कहती है ICMR की रिपोर्ट

डेस्क : देश में नए कोरोना वायरस को लेकर चिंता तेज़ हो गई है। ICMR की तरफ से विभिन्न वायरस को वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न और वैरिएंट इंटरेस्ट की श्रेणी में रखा जा रहा है। बता दें की नया कोरोना वायरस (A.Y.1 ) जिसको डेल्टा+ बुलाया जा रहा है, उसके मामले सामने आने लगे हैं। यह वायरस यूनाइटेड किंगडम में पाया गया है। बताया जा रहा है की यह वायरस डेल्टा वायरस से 90% तेज़ गुना रफ़्तार से फैलता है।

ऐसे में लोगों की बीच अब फिर से यह सवाल उठने लगें हैं की क्या जो वैक्सीन इस वक्त मौजूद है और सरकार द्वारा लगवाई जा रही है, वह नए डेल्टा वायरस पर असरदार होगी? तो बता दें की एक तुलनात्मक अध्ययन में यह पाया गया है की सभी वायरस के वैरिएंट जैसे अल्फा, बीटा, डेल्टा और डेल्टा+ पर वैक्सीन कारगर है। इस वक्त देश के कुछ राज्यों ने डेल्टा+ वैरिएंट की पुष्टि की है।

ICMR के मुताबिक़ भारत में तीसरी लहर 6-8 महीने में आ सकती है। फिलहार भारत ने इस वायरस को वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न की केटेगरी के भीतर रखा है। वैज्ञानिकों ने साफ़ कहा है की अभी ऐसा नहीं कह सकते की यह नया वायरस तेज़ी से फैलता है। कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा से कविशील्ड लड़ने में सक्षम है। वहीँ जब यह देखा गया की क्या यह वैक्सीन सभी वायरस के साथ एक समय पर एंटीबाडीज बना रही है तो बता दें की ऐसा बिलकुल भी नहीं है। ऊपर बताए गए वायरस के क्रम में एंटीबाडीज बनाने की प्रक्रिया में कमी आती है। डेल्टा+ वायरस फ़िलहाल 12 देश में और भारत के 10 राज्यों में आ गया है। इस वायरस के 48 मामले सामने आए हैं।

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