डेस्क : आज के दिन घर की सभी औरतों ने ना ही खाना खाया और ना ही पानी पिया। बता दे कि बिहार में चुनाव है ऐसे में चुनाव में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। हिंदू धर्म के अनुसार शरद पूर्णिमा की शुरुआत में यह त्यौहार मनाया जाता है। त्योहारों के आगमन पर देवी-देवताओं को खुश करने के लिए घर की औरतें व्रत करती हैं।
बता दें कि यह व्रत की शुरुआत है जो इस व्रत को करता है उसे मनोवांछित संतान प्राप्त होती है और उसके लंबी आयु की कामना की जाती है। अब इस व्रत की शुरुआत हो गई है और 30 सितंबर को इस व्रत का पारण होगा। पंडित के अनुसार हिंदू कैलेंडर बताता है कि प्रति वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में जीवित्पुत्रिका व्रत रखना बेहद ही आवश्यक होता है। जो इस व्रत को नहीं करता उसे पाप दोष चढ़ता है। यह पाप दोष किसी भी रूप में आ सकता है।
पंडितों के अनुसार सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराना चाहिए। बता दे की आरती करने के बाद ही भोग लगाना चाहिए। ज्यादातर औरतें इस व्रत को करती हैं। वह सप्तमी को खाना और जल ग्रहण करके व्रत की शुरुआत करते हैं और मन लगाकर इसको अष्टमी तक जारी रखते हैं। जब नवमी का व्रत खत्म हो जाता है तो घर-घर लोगों को प्रसाद बांटा जाता है