न्यूज़ डेस्क: केंद्रीय कर्मचारियों कब लिए काम की खबर है। कर्मचारियों के आठवें वेतन आयोग के मांग पर ग्रहण लग सकता है। दरअसल केंद्र सरकार कर्मचारियों की बेतन बढ़ाने को लेकर नया तरीका अपना सकती है। खबरों की माने तो कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए कुछ इस प्रकार का नियम तैयार किया जा रहा है। जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक महंगाई भत्ता होने पर वेतन अपने आप बढ़ जाएगा।

मिली जानकारी के मुताबिक सरकार के इस नए फॉर्मूला के तहत कर्मचारियों का वेतन समय-समय पर अपने-आप बढ़ता रहे। इसे स्वचालित वेतन संशोधन प्रणाली (Automatic Pay Revision) का नाम दिया जा सकता है। अब कर्मचारियों के तनख्वाह में प्रदर्शन के हिसाब से वृद्धि होगी। फिलहाल केंद्र सरकार की इस कवायद से कर्मचारी संगठन खुश नहीं हैं। कर्मचारियों का कहना है कि मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए 2016 के बाद से वेतन वृद्धि की सिफारिशों से इनका गुजारा कठिन साबित हो जाएगा। केंद्र सरकार की इस कवायद से फिलहाल कर्मचारी संगठन खुश नजर नहीं आ रहे हैं।

इन लोगों का कहना है कि मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए वेतन वृद्धि के लिए साल 2016 से चली आ रही सिफारिशों से उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो जाएगा। वहीं इन लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से अंतिम फैसला आने तक इंतजार करना होगा। बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली भी चाहते थे कि मध्यम स्तर के कर्मचारियों के साथ-साथ निम्न स्तर के कर्मचारियों के वेतन में भी वृद्धि हो। इस संबंध में जुलाई 2016 में जेटली ने संसद में कहा था कि अब वेतन आयोग (Pay Commission) से हटकर कर्मचारियों के बारे में सोचना जरूरत है। मालूम हो कि ऐसा हुआ निम्न स्तर के कर्मचारियों को काफी लाभ होगा। लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 लेवल वाले केंद्रीय कर्मचारी का मूल वेतन न्यूनतम 21 हजार होने की संभावना है। हालांकि इसके लिए फॉर्मूला अभी तैयार नहीं हुआ है।
