डेस्क : यह सफलता की कहानी राजस्थान के जालोर जिले के एक युवा किसान की है, जिसके परिवार वाले चाहते थे कि वह एक सरकारी नौकरी करे, लेकिन उसने मन बना लिया था कि वह अपना भविष्य कृषि में ही साकार करेगा। योगेश की खेती में रुचि पढ़ाई के दौरान ही थी। योगेश जैसा साहसी इस वक्त शायद ही कोई हो।
इस युवक का नाम योगेश जोशी है, जिसने एक बार भी सरकारी नौकरी के बारे में नहीं सोचा और अपने पिता भीखाराम और चाचा पोपटलाल के लाख समझाने के बावजूद जैविक खेती में लग गया। योगेश ने ग्रेजुएशन के बाद जैविक खेती में डिप्लोमा भी किया। परिणामस्वरूप उसकी कृषि के प्रति रुचि बढ़ती गई, लेकिन परिवार के सदस्य चाहते थे कि योगेश सरकारी नौकरी की तैयारी करें। उन्हें यहां तक कहा गया कि अगर खेती का शौक बढ़ गया है तो कृषि पर्यवेक्षक बनकर, खेती करके और किसानों की सेवा कर मगर किसान बनकर सीधे खेती करने का जोखिम तो बिल्कुल भी न उठाएं।
चूँकि उस समय जैविक खेती के लिए ऐसा कोई वातावरण नहीं था, योगेश ने शुरू में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि इस क्षेत्र में किस चीज़ को लगाया जाए जिससे अधिक से अधिक लाभ हो, जिसकी बाजार में माँग भी अधिक हो। उन्हें पता चला कि जीरे को नकदी फसल कहा जाता है उन्होंने इसे उगाने का फैसला किया। उन्होंने 2 बीघा खेत में जीरे की जैविक खेती की, असफल रहे लेकिन हार नहीं मानी। वह खेती करना चाहता था लेकिन उसके लिए जैविक खेती के बारे में कोई भी जानकारी नही थी और फ़िर उसने जानकारी जुटाई। उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी। पिता और चाचा ने भी उसका इस बार साथ दिया। उन्होंने जैविक खेती में डिप्लोमा किया। सारी जानकारी जुटाकर उन्होंने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए साल 2009 में खेती की।
उन्हें कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ा लेकिन बाद में सफलता मिली। उन्होंने अन्य नकदी फसलों की खेती करने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने जीरे की खेती शुरू की। उन्होंने 2 बीघे में इसकी खेती की लेकिन उसमें असफल रहे। फिर बिना हार माने उसी में लगे रहो। इसके बाद उन्होंने 7 किसानों को एक साथ लिया और फिर एक बार अपनी किस्मत आजमाई। कृषि वैज्ञानिकों की मदद से जैविक खेती शुरू की। वह उसमें सफल हुआ और अब काफी लाभ कमा रहा है। अब उनके साथ 3 हजार लोग जुड़ चुके हैं और वह हर महीने लाखों रुपए कमा भी रहे हैं। योगेश की एक निजी कंपनी भी है। जिसका नाम ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड है। अब उनके साथ 2 और कंपनियां साथ जुड़ गई हैं। अब उनका सालाना टर्नओवर 60 करोड़ है। आज उन्होंने अपनी सफलता से कई लोगों की मदद की है।