डेस्क : विशाल की माँ रीना देवी ने बताया कि उनके पति के गुज़र जाने के बाद सब ज़िम्मेदारी मुझे उठानी थी ऐसे में मैंने बकरी पालन शुरू करदिया। इससे विशाल की पढ़ाई और बाकी घर का खर्च चल सका। विशाल ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 484वी रैंक हासिल की है।
विशाल बचपन से ही एक मेधावी छात्र है, विशाल के छोटे भाई राहुल ने बताया कि बड़े भाई विशाल ने बचपन से ही लगन से पढ़ाई की और घर खर्च उठाने के लिए कई जगहों पे नौकरी भी की। विशाल भैया ने मैट्रिक की परीक्षा में सर्वोत्तम स्थान हासिल किया तो वही खर्च चलाने और पढ़ाई जारी रखने के लिए अभयानंद सर की कोचिंग भी जॉइन की सुपर 30 में पढ़ाई के लिए।
शिक्षक गौरीशंकर है विशाल के गुरु : विशाल अपने शिक्षक गौरीशंकर की बहुत इज़्ज़त करता है। गांव के लोग बताते है कि गौरीशंकर ने विशाल की पढ़ाई में बहुत मदद की तो वही विशाल भी उन्हें अपना गुरु व मागदर्शक मानता है। विशाल कोई भी काम गौरीशंकर से बिना पूछे नही करता उनकी सीख और सही रास्ता बताने के कारण ही विशाल आज UPSC की परीक्षा में इतनी अच्छी रैंक ला सका।
कानपुर के IIT से किया बीटेक : विशाल ने 2011 में बोर्ड परीक्षा टॉप की उसके बाद उसने सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए IIT का एग्जाम दिया जिसमें उसकी 7000वी रैंक आयी। विशाल का एडमिशन कानपुर के IIT में हुआ और उसने बीटेक वहीं से किया। विशाल के दोस्त बताते है कि उसने रिलायंस में जॉब की और फिर एलेन इंस्टीट्यूट में बतौर शिक्षक भी काम किया। शिक्षक के तौर पे काम करते हुए विशाल को एहसास हुआ कि UPSC की परीक्षा देना एक सही फैसला होगा। और आज उसने 484वी रैंक हासिल कर अपने फैसले पर मोहर लगा दी।पिता की मौत ने ना हौसले को डगमगाने दिया ना मंजिल से दूर किया, माँ की मेहनत और विशाल का त्याग आज उसे सफलता की सीढ़ी तक पहुँचा दिया है।