डेस्क : बिहार के जमुई के सिकंदरा के रहने वाले शमीम खान की पहचान बीते बुधवार तक सिर्फ एक पंचर बनाने वाले कि थी. मगर बुधवार की रात से उनके घर पर बधाई देने वालों का ताता लग गया. शमीम खान अब सिर्फ पंचर बनाने वाले नहीं बल्कि एक बीडीओ अफसर हदीद खान के पिता हो गए हैं. 66 वी बीपीएससी परीक्षा में 80वां रैंक लानेवाले हदीद खान जमुई जिले के सिकंदरा इलाके के पोहे नामक गांव के रहने वाले हैं. हदीद के पिता शमीम खान वर्षों से सिकंदरा में एक पेट्रोल पंप के आगे फुटपाथ पर गाड़ियों के पंक्चर ठीक करने का काम करते हैं. बेटे के बीपीएससी में पास होने पर पिता ने कहा कि उन्हें अपने बच्चे पर पूरा भरोसा था. उन्होंने कहा कि मैं आते जाते लोगों की गाड़ियों के टायर का पंचर बनाता था. मेरे बेटे ने मेरी जिंदगी का पंचर बना दिया.
आर्थिक रूप से काफी कमजोर है बीडीओ का परिवार : 66 वी बीपीएससी में 80वां रैंक लाने वाले बीडीओ हदीद का परिवार आर्थिक रूप से काफी ज्यादा कमजोर है. उनके पिता ने बताया कि हदीद बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज़ थे. गांव के ही एक स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. उस वक्त कक्षा में सबसे ज्यादा नंबर हदीद खान के ही आए थे. हदीद खान ने कभी अपने आर्थिक तंगी को अपनी शिक्षा में बाधा बनने नहीं दिया. पहली बार बीपीएससी की परीक्षा दी थी. पहली ही बार में उसने हमारी पंचर जिंदगी को दुरुस्त कर दिया. अब जिंदगी की गाड़ी पहले से ठीक चलेगी. हदीद खान का चयन ग्रामीण विकास विभाग के लिए हुआ है. उन्हें बीडीओ का पदभार मिलेगा.