UPSC के पहले एटेम्पट में हुई फेल, हार न मानते हुए 3 बार दी लगातार परीक्षा फिर बनी आईएएस

डेस्क : लोग जीवन में सफल होने के लिए कई सपने देखते हैं। ऐसे में उनके सपने या तो पूरे हो जाते हैं या फिर पूरे नहीं होते हैं। जिन लोगों के पूरे हो जाते हैं वह एक उदाहरण समाज के लिए पेश करते हैं और समाज उनके बारे में जानना चाहता है कि आखिर उनको सफलता कैसे मिली ? तो आज हम आईएस नम्रता जैन के बारे में जानेंगे जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को तीसरी बार में पास किया है। उनके घरवाले बताते हैं कि नम्रता ने बचपन में ही कलेक्टर बनने का सपना देख लिया था।

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जब तक उन्होंने सपनों को साकार नहीं किया तब तक परीक्षा देना नहीं छोड़ा। जब नम्रता की बारहवीं कक्षा पूरी हो गई तो उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया, यहां पर उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म की और फिर यूपीएससी की तैयारी चालू कर दी। उन्होंने अपनी परीक्षा देनी शुरू की लेकिन उनको काफी कठिनाइयों का मुकाबला करना पड़ा। साड़ी कठिनाइओं का मुकाबला करते हुए तीन बार परीक्षा दी। हर बार परीक्षा में फेल होने के बाद नए तरीके से तैयारी करना उनकी आदत हो गई थी।

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जब उन्होंने UPSC की परीक्षा दी तो पहले प्रयास में वह विफल हो गई लेकिन उन्होंने हार न मानते हुए अपनी दूसरी तैयारी में 99 रैंक हासिल की। इस रैंक पर उनको आईपीएस बनने का मौक़ा मिला। लेकिन उनका सपना तो कुछ और ही था। उन्होंने मेहनत कर अपनी पढ़ाई को जारी रखा और तीसरे प्रयास में 12 वीं रैंक लाकर टोपर बनी। फिर उनका आईएएस बनने का सपना भी पूरा हो गया। नम्रता का कहना है की जो भी बच्चे UPSC की तैयारी कर रहे हैं उनको हार ना मानते हुए निराश नहीं होना चाहिए। लड़ाई जीतने के लिए आत्मविश्वास की जरूरत होती है जो खुद से आती है। हमेशा कम संसाधनों के साथ तैयारी करें और अपने रास्ते के रोड़ों को मेहनत से साफ़ करते चलें।

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