रोज़ाना नौकरी के साथ सिर्फ 4-5 घंटा पढ़ाई करके याशिनी ने पाई UPSC परीक्षा में ऐसे सफलता- 57वीं रैंक लाकर किया परिवार को गौरवान्वित

डेस्क : देश में यूपीएससी की तैयारी हर कोई करता है लेकिन इस परीक्षा को पास करके दिखने में अच्छे अच्छों का गला सूख जाता है। आखिर में जिसके पास काबिलियत होती है वह इस परीक्षा को भेद पाता है। आज हम आपको एक ऐसी ही कैंडिडेट के बारे में बताने वाले हैं जिसने बेहतरीन रणनीति के साथ यूपीएससी की परीक्षा को पास किया है।

जैसे ही इस कैंडिडेट ने सिविल सर्विस परीक्षा पास की तो पूरे प्रदेश में खुशी की लहर गूंज उठी, बता दें कि वह सिर्फ चार-पांच घंटे पढ़ाई करके ही आईएएस अफसर बन गई। इस आईएएस अफसर का नाम याशिनी नागराजन है। याशनी नागराजन के पिता का नाम थंगवेल नागराजन है। थंगवेल नागराजन पीडब्ल्यूडी इंजीनियर से रिटायर्ड अफसर हैं। वही उनकी माताजी गुवाहाटी हाईकोर्ट में सुपरिटेंडेंट के तौर पर काम करती थी।

IAS officer Yashni Nagarajan Success Story: Studies 4 to 5 hours daily, got  AIR 57 in UPSC Exam along with full-time job | रोज सिर्फ 4-5 घंटे पढ़ाई कर  ऐसे पास किया

याशिनी नागराजन ने अपनी शुरुआती परीक्षा अरुणाचल प्रदेश के नाहर जिले के केंद्रीय विद्यालय से पूरी की है। बता दें कि 12वीं पूरी करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की थी। वह इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में अपना ग्रेजुएशन पूरा कर चुकी हैं। बता दें कि वह जब यूपीएससी की तैयारी कर रही थी तो फुल टाइम नौकरी भी कर रही थी। ऐसे में किसी के लिए फुल टाइम जॉब के साथ यूपीएससी की तैयारी करना आसान नहीं होता लेकिन याशिनी नागराजन ने यह सब करके दिखाया।

Meet IAS officer Yashni Nagarajan, who got AIR 57 in UPSC exam along with  full-time job

याशिनी नागराजन का कहना है कि जब भी केंडिडेट को समय मिले तो उसको पूरे दिन पढ़ाई करनी चाहिए और कामकाज के दिनों में 4 से 5 घंटे पढ़ना चाहिए। ऐसे में याशिनी को पहले दो प्रयासों में बिल्कुल भी सफलता नहीं मिली थी क्यूंकि उन्होंने अपने दोस्तों के जरिए गलत ऑप्शनल सब्जेक्ट चुन लिया था जिसके चलते उन्होंने सही से परीक्षा की तैयारी नहीं की।

Meet IAS officer Yashni Nagarajan, who got AIR 57 in UPSC exam along with  full-time job

याशनि नागराजन ने सोच लिया था कि वह अपनी गलती को सुधार देगी और दोबारा से प्रयत्न करेगी। ऐसे में जब उन्होंने तीसरा एटेम्पट दिया तो उनकी 834 रैंक आई थी लेकिन यह रैंक उनको ज़रा भी पसंद नहीं आई और उन्होंने चौथी बार फिर से प्रयास दिया। ऐसे में चौथी बार में उनको 57वी रैंक हासिल हुई। चौथे प्रयास में सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने अपने माँ-बाप को गर्वान्वित महसूस करवाया।

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