बिहार का युवा क्रिकेटर जिसने रात को भूखे रहकर सीनियर्स के साथ की प्रैक्टिस और बनाई भारतीय क्रिकेट टीम में जगह

डेस्क : ईशान किशन ने भारतीय क्रिकेट टीम में उस दिन डेब्यू किया जिस दिन उनका जन्मदिन आता है, ऐसा करने वाले वह भारत के दुसरे खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले पंजाब अमृतसर से गुरु शरण सिंह ने इसी प्रकार डेब्यू किया था। 14 मार्च 2021 को ईशान किशन ने अहमदाबाद में अपना पहला टी-20 इंटरनेशनल मैच खेला था। यह मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया था। उस मैच में उन्होंने 32 गेंद पर 56 रनों की पारी खेली थी। बता दें की उनका जन्म 18 जुलाई 1998 को बिहार में हुआ था।

ishan1

ईशान को क्रिकेट का शौख बचपन से ही रहा है। उनके कोच मजूमदार ने बताया की ईशान को उन्होंने 2005 में देखा था तब उनकी उम्र काफी कम थी। वह बचपन से ही ऐसा खेलते थे की लोग उनसे मोहित हो जाते थे। कई बड़े क्रिकेटर्स ने तो उनसे क्रिकेट खेलने के गुण भी सीखें हैं। ईशान के कोच का नाम उत्तम मजूमदार है। उत्तम मजूमदार का कहना है की ईशान के क्रिकेट खेलने के कुछ ऐसे तरीके हैं जो उनको सबसे अलग बनाते हैं। जब भी वह मैदान में होते हैं तो उनको बाकी लोगों से अलग बनाया जाता है। जब ईशान बड़ा होने लगे तो उनके कोच ने कहा की यदि वह बड़े स्तर पर क्रिकेट खेलना चाहता है तो उसको रांची जाना होगा।

ishan2

जब ईशान रांची गए तो उनको जिला स्तर पर SAIL की टीम के लिए चुना गया था। उनको एक क्वार्टर भी मिला था और उसमें वह 4 बड़े सीनियर्स के साथ रहते थे। वह छोटे थे और उनको ज्यादा काम करना पड़ा था कभी वह बर्तन धोते थे और कभी पानी भर कर लाते थे। जब उनके पिताजी उनसे मिलने गए थे तो उनके बगल के क्वार्टर पे रह रहे पड़ोसी ने बताया की वह तो कई रातों से बिना खाना खाए ही सो रहा है। मात्र 15 साल की उम्र में वह रणजी के लिए क्वालीफाई हो गए थे और फिर उनकी माताजी को उनपर भरोसा हो गया था की वह जरूर आगे कुछ अच्छा करेंगे, जिसके चलते उनकी माताजी भी उनके साथ उनके क्वार्टर पर रहने आ गईं और खाना बनाकर भी देने लगीं थी।

ishan3

उन्होंने क्रिकेट राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में सीखा है। द्रविड़ ने उनके करियर को सुधारने में अहम् योगदान निभाया है। अंडर 19 के वर्ल्ड कप में वह कुछ ख़ास नहीं कर पाए थे लेकिन उन्होंने हार न मानते हुए अपना क्रिकेट जारी रखा और अपने खेल को बेहतर बनाते हुए इंडियन क्रिकेट टीम में जगह बनाई।

Leave a Comment