लॉकडाउन में जन्मे बच्चे हैं दूसरों से अलग, ये रिपोर्ट आपको भी कर देगी हैरान!

लॉकडाउन के दौरान पैदा हुए बच्चे बहुत कम दर से बीमार पड़ रहे हैं। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य बच्चों से अधिक होती है

आयरलैंड के यूनिवर्सिटी कॉलेज कॉर्क के शोधकर्ताओं ने पाया है कि लॉकडाउन के दौरान पैदा हुए बच्चे अन्य अवधि के दौरान पैदा हुए बच्चों से अलग होते हैं

 यह पाया गया है कि उनके पेट में माइक्रोबायोम अन्य बच्चों से अलग है। इसलिए इन बच्चों में एलर्जी की दर तुलनात्मक रूप से बहुत कम है

अध्ययन में दावा किया गया है कि कोविड काल के दौरान पैदा हुए बच्चों में एक साल में एलर्जी के केवल 5 प्रतिशत मामले पाए गए हैं

पहले यह आंकड़ा 22.8 फीसदी था. इतना ही नहीं, इनमें से केवल 17 प्रतिशत बच्चों को ही एक साल में एंटीबायोटिक्स लेनी पड़ी है। पहले यह अनुपात 80 फीसदी था.

लॉकडाउन के दौरान पैदा हुए बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होने का एक बड़ा कारण यह है कि इस दौरान प्रदूषण कम था.

क्योंकि लॉकडाउन में सभी लेन-देन बंद थे.साथ ही वायु प्रदूषण लगभग नहीं के बराबर था. 

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