भारत के इस शहर में रंगों से नहीं बल्कि थप्पड़ों से खेली जाती है होली

देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह से होली मनाई जाती है. कही रंगों की बौछार से होली खेली जाती है, कही लाठियों से और कही कीचड़ से

होली का नाम सुनते ही रंग याद आते हैं, लेकिन एक जगह ऐसी भी है जहां रंगों की जगह चप्पलों से होली खेली जाती है

भारत में एक ऐसा शहर है जहां रंगों से नहीं बल्कि जूते मारकर होली मनाई जाती है 

उत्तर प्रदेश के शाहजहापुर में चप्पलों से होली खेलने की परंपरा है. वे इस परंपरा को जूटमार कहते हैं.

18वीं सदी में शाहजहापुर में नवाब का जुलूस निकालकर होली मनाने की परंपरा शुरू हुई

जो आगे चलकर थप्पड़ मारने की होली के रूप में विकसित हुई

1947 के बाद यह होली जोड़े में खेली जाने लगी। होली के दिन शाहजहाँपुर में 'लाट साहब' का जुलूस भी निकलता है

for more stories