सूरत को निहारने के लिए काम आने वाले आईना (Mirror) का संबंध आपके सुख और सौभाग्य से भी जुड़ा होता है. ऐसे में घर के किसी भी कोने में आईने को लगाने से पहले जरूर जान लें

BY KUMARI MILI

दैनिक जीवन में प्रयोग लाया जाने वाला आईना (Mirror) एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है.घर की दीवारों में लगाए जाने वाले इस आईने या फिर कहें शीशे का संबंध हमारे सुख और सौभाग्य से भी जुड़ा होता है.

वास्तु के अनुसार शीशा, दर्पण या फिर कहें आईना (Mirror) किसी भी घर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा को बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं.ऐसे मैं हमे ध्यान रखना चाहिए कि आइना सही दिशा में हों।

वास्तु के अनुसार यदि घर के भीतर सही दिशा में आईना लगा हो तो वह आपकी खुशियों का माध्यम हो सकता है, जबकि गलत दिशा में आईना (Mirror) आपके दुर्भाग्य और तमाम तरह के कष्टों का बड़ा कारण बन सकता है.

वास्तु के अनुसार घर में हमेशा आयताकार, वर्गाकार या अष्टभुजाकार दर्पण (Mirror) लगाना चाहिए. बाथरूम में जब भी आईना लगाएं इस बात का पूरा ख्याल रखें कि वह दरवाजे के ठीक सामने न हो.

वास्तु के अनुसार घर में नुकीले आकार वाले आईने (Mirror) नहीं लगाना चाहिए. इसी प्रकार चटके हुए या फिर धुंधले आईने का न तो प्रयोग करना चाहिए और न ही उसे घर में रखना चाहिए.

(Mirror) को अपने बेडरूम में लगाने से हमेशा बचना चाहिए.  बेडरूम में लगे हुए आईने में यदि आपके बेड का प्रतिबिंब बनता है तो उसके दोष के कारण दांपत्य जीवन में आपसी विश्वास और सामंजस्य में कमी आती है

वास्तु के अनुसार घर के भीतर कभी भी पश्चिम या दक्षिण दिशा की दीवार पर आईना नहीं लगाना चाहिए. आईने के लिए पूर्व और उत्तर दिशा में ही लगाना शुभ होता है.

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