पटना में एक साथ 45 लोग कोविड पॉजिटिव, कई जिलों में पाँव पसारता कोविड, इस राज्य की स्थिति गंभीर

बिहार के कई जिलों में कोरोना ने फिर से पांव पसारना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने जिला अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए जिला स्तर पर सख्ती बनाए रखने के लिए कहा है। पिछले 24 घंटे में राज्य में 211 नए कोविड पॉजिटिव केस सामने आए हैं।जिसमें से सिर्फ पटना में 124 कोविड पॉजिटिव मरीज मिले हैं। पटना के बेउर जिले में एक साथ 45 कैदी कोविड संक्रमित हो गए। जिसमें से तीन की हालत गंभीर हो गई है। यहां पर छह डॉक्टरों की एक टीम को तुरंत ही रखा गया है और बाकी के कैदियों को इसे बचाने की कोशिश की जा रही है। जिस सेल के कैदी संक्रमित हुए हैं, उस को फिलहाल सील कर दिया गया है। वहीं अब तक पटना में कुल 2 मौतें भी कोविड से हो गई है।

सबसे गंभीर स्थिति केरल और महाराष्ट्र में राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो रोज मिलने वाले कोरोना मरीजों की संख्या में पिछले 1 महीने में 6 गुना तक की बढ़ोतरी हुई है। पिछले महीने की 28 तारीख तक मरीजों का आंकड़ा जहां सिर्फ 2498 रहा करता था वही अभी आंकड़ा 17000 से भी ज्यादा हो गया है। हालांकि मृत्यु दर अभी भी ज्यादा नहीं है। रोज औसतन सिर्फ 20 मौतें हो रही हैं।जिसमें ज्यादा मौतें केरल और महाराष्ट्र के क्षेत्र में हो रही है। सबसे ज्यादा केस भी केरल में ही दर्ज किए जा रहे हैं।यहाँ प्रतिदिन 3000 से अधिक केस मिल रहे हैं। मौजूदा स्थिति में यहां पर 27051 मरीजों का इलाज चल रहा है।

7 से 12 बर्ष के बच्चों को वैक्स वैक्सीन को मिली मंजूरी कोविड संक्रमितो का आंकड़ा बढ़ता देख ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 7 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए कोवो वैक्स वैक्सीनेशन को मंजूरी दे दी है। यह कोवो वैक्स वैक्सीन सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया है। इसके अलावा जेनोवा बायो फार्मा स्यूटिकल्स की दो डोज की mRNA वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी गई है। यह वैक्सीन फिलहाल 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

राहत की बात भारत मे अब तक कोई नया वैरिएंट नहीं कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन यह राहत की बात है कि वायरस का कोई नया वेरिएंट भारत मे नहीं आया है। हालांकि संक्रमित मरीजों को लेकर गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने वालों की निगरानी की जा रही है। कुछ अन्य देशों में कोविड के नए वेरिएंट जरूर पाए गए हैं। इसलिए यहां भी चिकित्सा में आए मरीजों की गहन अध्ययन और विश्लेषण किया जाना आवश्यक है ताकि भारत में चौथी लहर से आने वाले प्रकोप को अभी से ही रोका जा सके।

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