हाईकोर्ट का अल्टीमेटम : सिविल सेवा के परीक्षार्थियों को उम्र सीमा में मिले छूट, बीपीएससी एक सप्ताह में ले फैसला

डेस्क : हाईकोर्ट ने बीपीएससी को सिविल सेवा की संयुक्त परीक्षा में छात्रों को अवसर और उम्र सीमा में छूट देने का निर्देश दिया है। ठीक उसी तरह जिस तरह से अभियोजन पदाधिकारियों (एपीओ) की बहाली में उम्र सीमा में छूट देकर परीक्षा ली गई है। हालांकि, कोर्ट ने आवेदकों को कोई राहत नहीं दी है। कोर्ट ने आवेदकों को उम्र सीमा में छूट देने के बारे में विस्तृत अभ्यावेदन बीपीएससी के अध्यक्ष को देने का आदेश दिया है।

सिविल सेवा की परीक्षा में छूट दिये जाने पर विचार करने का निर्देश पटना हाईकोर्ट ने बीपीएससी को दिया है। अभ्यावेदन पर कोर्ट ने आयोग के अध्यक्ष को एक सप्ताह के भीतर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उम्र छूट देने के बारे में फैसला करने को कहा है। न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने जयदीप कुमार व अन्य की ओर से दायर याचिका को निष्पादित करते हुए आयोग के अध्यक्ष को आवेदकों के अभ्यावेदन पर एक सप्ताह के भीतर आवश्यक निर्णय लेने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि उम्र सीमा में छूट देने पर विचार करने के लिए कोर्ट कोई अभ्यार्थियों की संतुष्टि के लिए नहीं कह रही बल्कि इससे आयोग को भी मौका मिल सकता है कि सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा व मेधावियों का चयन हो सके। गौरतलब है कि बीपीएससी की 66वीं की प्रारंभिक परीक्षा आगामी 27 दिसम्बर को होगी। वहीं, 48वीं 62वीं तक चार अलग-अलग संयुक्त परीक्षा लेकर छात्रों का 11 मौका समाप्त कर दिया गया है। इसी पर कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि उम्र सीमा में छूट देने के आवेदनों पर विचार करते हुए आयोग दो परिस्थितियों पर जरूर ध्यान रखे। पहला कि कई सालों से आयोग ने सिविल सेवा की संयुक्त परीक्षा की बहाली के लिए कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया है। पिछले 15 वर्षों में सिर्फ चार परीक्षाएं हुई है। सिविल सेवा की संयुक्त परीक्षा बहाली का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियो को आयोग ने उम्र छूट देने का भरोसा दिया था। दूसरा कि परीक्षा लेने में देरी होने पर यदि अधिकतम उम्र सीमा में छूट की कोई पूर्व परिपाटी रही है तो आयोग को उस पर अमल करते हुए सिविल सेवा में उम्र छूट देने के बारे में विचार करना चाहिए।

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