आज हम आपको एक ऐसे शासक के बारे में बताएंगे जो मरी हुई मां के कोख से पैदा हुआ। जी हां यह एक ऐसा शासक था जिसे मरी हुई मां के कोख को चीरकर निकाला गया। बाद में यह बच्चा एक महान शासक बना। यह बच्चा कोई और नहीं बल्कि चंद्रगुप्त मौर्य का प्रथम पुत्र बिंदुसार था। तो चलिए विस्तार में हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
चंद्रगुप्त के खाने में दिया जाता था जहर
आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त के खाने में थोड़ी-थोड़ी जहर मिला दिया करते थे। इसके पीछे यह कारण था कि उस दौर में विष कन्याओं के जरिए राज हड़पने का संयंत्र चलता था। चंद्रगुप्त मौर्य को चाणक्य खाने में थोड़ा-थोड़ा जहर देते थे ताकि अगर कभी ऐसा हुआ तो उन पर इसका असर ना हो।
चंद्रगुप्त की पत्नि ने खाया जहर वाला खाना
चाणक्य चंद्रगुप्त के भोजन में थोड़ा-थोड़ा जहर मिलाया करते थे। लेकिन इस बात की खबर चंद्रगुप्त मौर्य को नहीं थी। एक दिन ऐसे ही सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य भोजन कर रहे थे। उस दौरान उनकी पहली पत्नी द्रुधारा गर्भवती थी।
विष डालने की बात से अनजान चंद्रगुप्त मौर्य ने अपनी पत्नी को भी अपनी थाली से भोजन खिला दिया। मगर द्रुधारा जहर के असर को सहन नहीं कर सकी। कुछ क्षण में उनकी मृत्यु हो गई।
क्यों कहा जाता है बिंदुसार
द्रुधारा की मृत्यु की खबर जब चाणक्य को लगी तो वह वहां पहुंचे। उन्होंने द्रुधारा के पेट को चढ़कर बच्चे को बाहर निकाला। हालांकि तब तक बच्चे के मस्तिष्क तक जहर की एक बूंद पहुंच चुकी थी।
जिस वजह से उसके मस्तिष्क पर एक बिंदु जैसा निशान बन गया था। यही वजह है कि उस नवजात बच्चे का का नाम बिंदुसार पड़ा। बाद में जाकर इस बच्चे ने ही चंद्रगुप्त मौर्य की राजगद्दी संभाली।