बिहार में यहां खुल गया पहला स्क्रैप सेंटर : अब पुराने वाहनों से होगा फायदा, जानें- नियम

Bihar Scrap Center : बिहार धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़ रहा है और हर दिन कुछ नया कर रहा है। बिहार में राज्य का पहला स्क्रैप सेंटर शुरू हो गया है। यह स्क्रैप सेंटर बख्तियारपुर के टेक बिगहा में खोला गया है।

यह स्क्रैप सेंटर (Scrap Center) केंद्र सरकार के पर्यावरण संरक्षण दिशानिर्देशों के तहत वाहनों को स्क्रैप करने का काम करता है। फिलहाल नीलाम हुए वाहनों को इसी स्क्रैप सेंटर में लाया जा रहा है। इस स्क्रैप सेंटर का नाम निलयम प्री-कोटेड स्टील प्राइवेट लिमिटेड है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

इस स्क्रैप सेंटर में वाहनों को स्क्रैप करने के बाद केंद्र की ओर से वाहन मालिकों को दो प्रमाणपत्र दिए जाते हैं। पहले सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट एंड स्क्रैपिंग के बाद दूसरा सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट ऑफ व्हीकल स्क्रैपिंग मिलता है। इन प्रमाणपत्रों का लाभ ग्राहकों को नए वाहन खरीदते समय मिलता है। केंद्र पर वाहन स्वामी को वाहन के वजन के अनुसार 25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से स्क्रैप दिया जाता है।

वहीं, सीडीओ सर्टिफिकेट मिलने के 2 साल के भीतर नई गाड़ी खरीदने पर ग्राहकों को कई फायदे मिलते हैं। इनमें सबसे बड़ा फायदा रोड टैक्स में है। नये वाहनों की खरीद पर सीडीओ प्रमाण पत्र जमा करने पर 25 प्रतिशत रोड टैक्स माफ कर दिया जाता है। स्क्रैप सेंटर के अधिकारियों के मुताबिक, 15 लाख रुपये की कीमत वाली गाड़ियों 50000 हजार रुपये तक मिलेगी।

वाहनों की स्क्रैप पॉलिसी को लेकर वाहन मालिकों में जागरूकता की कमी है। इसके चलते पटना और उसके आसपास स्थित अवैध स्क्रैप सेंटरों में भी गाड़ियां काटी जा रही हैं। इन अवैध सेंटरों पर बिकने वाले वाहनों की मरम्मत कराकर उनका दुरुपयोग किए जाने की भी आशंका रहती है।

वाहन नीति के तहत 15 साल तक ही दोपहिया या चार पहिया वाहन चलाना वैध है। इसके बाद स्क्रैप पॉलिसी के तहत वाहनों का निस्तारण करना होगा।वाहनों का दुरुपयोग रोकने के लिए उन्हें आधिकारिक स्क्रैप सेंटरों पर ही नष्ट किया जाना चाहिए।