बिहार के मछली पालकों के लिए अच्छी खबर, सरकार के इस पहल से किसानों को होगा दुगुना फायदा.. जानिए-

डेस्क: सभी व्यवसायों की तरह मत्स्य पालन भी आज के समय में एक बड़ा उद्योग बनता जा रहा है। कोसी क्षेत्र में मत्स्य पालन को लेकर कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा एवं मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजनाओं के तहत बड़े पैमाने पर तालाब का निर्माण किया जा रहा है। इस व्यवसाय को बढ़ावा देने व मत्स्य पालकों के हित के लिए सरकार ने आइस प्लांट के साथ प्रमंडल मुख्यालय में शीत भंडार स्थापित करने का भी फैसला लिया है। जिससे मछलियां खराब ना हो और शीत भंडार में इसे सुरक्षित रखा जाय।

फिर इसे स्थानीय एवं दूसरे बाजारों में भेजा जा सके। इससे किसानों को भी काफ़ी लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत मछली पालने वाले किसानों को अनुदान राशि भी दिए जाने का प्रावधान है। बता दें, कि कोसी क्षेत्र में मत्स्य संपदा योजना एवं मुख्यमंत्री विकास योजना के तहत देशी व विदेशी मछली उत्पादन की बड़े पैमाने पर योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत मत्स्य पालकों को अधिक से अधिक लाभ हो सके, इसके लिए फ्रीजर वाहन, लाइव फिश वेंडिंग सेंटर, आइसबॉक्स सहित टू व्हीलर और थ्री व्हीलर वाहन आदि की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। साथ ही मछलियों को आसपास के राज्यों में भेजे जाने की भी रणनीति बनाई गई है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यालय में आइस प्लांट एवं कोल्ड स्टोर स्थापित किया जाएगा। ताकि मछलियां वहां सुरक्षित रह सके। आइस बॉक्स और कोल्ड स्टोर की स्थापना के लिए जहां पुरुष लाभुक को 40 फीसद लागत मूल्य पर अनुदान देने का प्रावधान है।

वहीं, महिला तथा अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लाभुकों के लिए 60 फीसद अनुदान राशि का प्रावधान किया गया है। प्रमंडलीय मुख्यालय में प्रथम चरण में शीत भंडार स्थापित किया जाएगा। जिसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है। सहरसा जिला मत्स्य पदाधिकारी अंजनी कुमार के मुताबिक, दस एमटी तक मत्स्य भंडारण के शीत भंडारण से किसानों को बेहद लाभ मिल सकेगा। इसके चलते उन्हें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं उठाने पड़ेंगे। शीत भंडार और आइस प्लांट होने से एक साथ मत्स्य पालक लाभ ले सकेंगे।

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