‘ऑफर 25’: BJP ने तोड़ दिया चिराग का दिल, पिता के नक्शेकदम पर चले चिराग….

डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हर दिन कुछ न कुछ ऐसा हो जाता है जिसे देखकर मालूम चलता है की महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है। फ़िलहाल महागठबंधन और एनडीए दोनों खेमे के घटक दल संतुष्ट नहीं हैं। अब सम्भावना ये बन रही है कि महागठबंधन से राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (RLSP) अलग हो सकता है, वहीं एनडीए से लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) नाता तोड़ सकती है।

चिराग पासवान ने पार्टी नेताओं से कहा है कि वे 143 सीटों पर प्रत्याशी उतारने के हिसाब से तैयारी करें। हालांकि इसपर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।पर इससे राजनीती के अखाड़े में कयास लग रहे है कि एलजेपी अकेले विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाएगी। एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, जेडीयू के आरसीपी सिंह और राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह की मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाद बीजेपी ने एलजेपी को साफ कर दिया है कि वह उन्हें 25 से ज्यादा सीटें नहीं देगी। इस बात से चिराग पासवान नाराज हो गए हैं।

कयास तो यहाँ तक है कि चिराग पासवान खुद भी सांसद पद से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा सकते हैं। चिराग पासवान उसी रणनीति को अपनाना चाहते हैं जिसपर 2005 के विधानसभा चुनाव में उनके पिता चले थे। 2005 के विधानसभा चुनाव में चिराग के पिता राम विलास पासवान ने दलित+मुस्लिम+फॉरर्वड जाति भूमिहारों को लेकर एक कॉबिनेशन बनाया था। इसके बूते एलजेपी को 29 सीटें हासिल हुई थी और सत्ता की चाभी रामविलास पासवान के पास आ गई थी।

हालांकि मुस्लिम मुख्यमंत्री के मुद्दे पर उन्होंने ना तो नीतीश कुमार को समर्थन दिया था और ना ही लालू यादव को, जिसके बाद एलजेपी में तोड़फोड़ की घटनाएं शुरू हो गई थी। हालांकि नीतीश कुमार ने तोड़फोड़ से सरकार बनाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद राज्य में मध्यावधि चुनाव हुआ था। अब एक बार फिर से अनुमान लगाया जा रहा है कि एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान सत्ता की चाभी हासिल करने की सोच रहे हैं।

पूरे प्रकरण में गौर करने वाली बात यह है कि चिराग पासवान के बयान में एकरूपता नहीं दिख रही है। वह सीएम नीतीश कुमार पर भले ही आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं, लेकिन वह लगातार कह रहे हैं कि बीजेपी जो भी कहेगी वह उन्हें मान्य होगा। कभी चिराग सीएम नीतीश पर बाढ़ और कोरोना को लेकर आक्रामक रहते हैं, तो कभी कहते हैं कि नीतीश गठबंधन के अभिभावक हैं इसलिए उनसे शिकायत करना दायित्व है।

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