हे प्रभु ! सबको रोजगार देना : बिहार बजट में नौकरी के साथ ही आत्मनिर्भरता पर भी दिया जा रहा है पूरा ज़ोर, महिलाओं के स्वरोजगार पर जोर

डेस्क : बिहार में प्रगति शील विकास को स्थापित करने के लिए सरकार ने इस बजट में बड़ा बदलाव किया है और इस बदलाव के तहत सरकार ज्यादा से ज्यादा धनराशि लाकर बिहार के लोगों की मदद करने वाली है। ऐसे में सड़क निर्माण पर भी बेहद ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है और बिहार की राजधानी पटना तक हर किसी का आना जाना आसानी से हो सके इसके लिए वह सड़कों को चौड़ा कर रही है।

साथ ही ज्यादा विकल्प की जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजगार के साथ-साथ बिहार सरकार उद्यमिता पर भी जोर दे रही है। बिहार में जो हाल ही में विधानसभा के चुनाव हुए थे, उन सभी में रोजगार का मुद्दा खास जोर पकड़े हुए था। हम कह सकते हैं कि चुनाव ही पूरा रोजगार पर केंद्रित था, जिसके चलते जो सरकार गठित की जानी थी उसका पहला लक्ष्य युवाओं को रोजगार देना ही था।

बिहार में अब जल्द बापू के टावर का निर्माण किया जाएगा। साथ ही अस्पताल के लिए भी राशि सर्जन की गई है, जिसमें बताया जा रहा है कि बिहार पीएमसी एच के लिए 5000 करोड़ से ऊपर की धनराशि को फिक्स किया है जो अस्पताल के निर्माण कार्य में ही लगे जाएगा। शिक्षा के संस्थानों में आधुनिक तकनीक लाकर विस्तार दिया जाएगा। बच्चों की पढ़ाई की बात करें तो छठी क्लास से ऊपर के बच्चों के लिए कंप्यूटर और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। सभी को कंप्यूटर शिक्षा देना अनिवार्य होगा जिसके चलते अगर कोई बच्चा बाहर पढ़ने जाता है तो उसके लिए डिजिटल काउंसलिंग की प्रणाली तैयार की जाएगी। पटना को एक हब सेंटर की तरह तैयार किया जाएगा।

यहाँ पर हर चीज की सुख सुविधा लोगों को दी जाएगी, साथ ही सूबे में 10 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी की जा रही है और जिला अस्पतालों का कार्य जोरों शोरों पर चल रहा है। बात करें कि इस बजट में प्रदेश को क्या मिला तो सबसे पहले गांव को पक्की सड़कों के द्वारा जोड़ा जाएगा। छात्र-छात्राओं के प्रोत्साहन के लिए 650 करोड़ की राशि दी जाएगी और प्रशिक्षण देने का कार्य सरकार की ओर से किया जाएगा। साथ ही नौकरी देने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की रहेगी। पटना मेट्रो निर्माण कार्य के लिए 1100 करोड़ से ऊपर का खर्चा किया जा रहा है वीरचंद पटेल पथ कर भवन निर्माण के लिए भी 4 करोड़ रूपए जोड़ा गया है।

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