बिहारी ब्रेन का कमाल! नदी के बीचों-बीच बना डाला तैरता हुआ घर,जानें- फ्लोटिंग हाउस की खासियत..

बिहार (Bihar) के एक युवक ने नदी के बीचो-बीच एक ऐसा घर बनाया है जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। इस घर को काफी खास तरीके से डिजाइन किया गया है। यह फ्लोटिंग हाउस (Floating House) पूरी तरह से इको फ्रेंडली (Eco Friendly) है। घर बनाने के लिए केवल प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया गया है।

बिहार के इंजीनियर प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) ने इस फ्लोटिंग हाउस (Floating House) का निर्माण बाढ़ की समस्या और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किया है। इस पूरे घर को तैयार करने में प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) को 6 लाख रूपए खर्च करने पड़े।

क्या है इस घर की खासियत

इस फ्लोटिंग हाउस (Floating House) की खासियत यह है कि इसे पूरी तरह से इको फ्रेंडली बनाया गया है। इस घर को बनाने के लिए गोबर, भूसा, बांस आदि चीजों का इस्तमाल किया गया है। इस घर को इस तरह से डिजाइन (Design) किया गया है कि सर्दी के समय घर के अंदर गर्मी लगती हैं। वहीं गर्मी के समय यहां ठंडक महसूस होती है। फ्लोटिंग हाउस (Floating House) के शौचालय का निर्माण सुखा विधि से किया गया है। जिसका अपशिष्ट घर में लगे पेड़-पौधे और सब्जी पर खाद के रूप में किया जा सकता है।

फ्लोटिंग हाउस बनाने का मकसद

बाढ़ के दौरान पानी का बहाव बढ़ जाता है। उस स्थिति में भी घर तैरता रहेगा। महुली घाट के गंगा नदी पर बने इस फ्लोटिंग हाउस (Floating House) को बनाने के पीछे इंजीनियर प्रशांत कुमार ने यह मकसद बताया कि जो लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहते हैं वे बाढ़ के दौरान अपने घर से पलायन होने पर मजबूर हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यह तैरता हुआ घर बनाया गया है। इस घर को बनाने की दूसरी सबसे मुख्य वजह है पर्यटन को बढ़ावा देना।

इस फ्लोटिंग हाउस (Floating House) में आकर लोग शहर के प्रदूषित हवा को छोड़कर शुद्ध एवं ताजी हवा का आनंद ले सके। बिहार वाली जिंदगी से हटकर हुए प्राकृतिक सुंदरता देख सके। साथ ही इससे क्षेत्र का विकास भी होगा। इस घर को बनाने के लिए 6 लाख रुपए का खर्चा आया है। प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) का कहना है कि आने वाले वाले समय में उनकी टीम इस खर्च को कम करने की कोशिश करेगी। उनकी टीम अब 6 लख रुपए से काम के लागत में घर तैयार करने का ट्राई करेगी।