बिहार : 29 महीने में सिर्फ 4 दिन ऑफिस में आए भागलपुर यूनिवर्सिटी के VC.. जानें – पूरा मामला…

डेस्क : बिहार के भागलपुर स्थित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में कई महीनों से स्थाई कुलपति ही नहीं है। बता दें कि पूर्व कुलपति के रिटायर हो जाने के बाद बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के कुलपति डॉ हनुमान प्रसाद पांडे को भागलपुर यूनिवर्सिटी का भी प्रभार दिया गया है। बड़ी बात यह है कि वे दो दो विश्वविद्यालय को संभाल नहीं पा रहे है। तकरीबन 8 महीने से 6 हजार से ज्यादा डिग्रीयों पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं। इतना ही नहीं कई कर्मचारियों के फाइल यू ही पड़े हुए हैं। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्तर की हालत बद से बदतर होती जा रही है।

जानकारी के लिए बता दें कि स्थाई कुलपति की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी कभी ढोल नगाड़े बजाकर, कभी पोस्टर चिपकाकर, कभी टॉर्च से स्थाई कुलपति ढूंढने की मांग करते नज़र आ रहे हैं। हालांकि विवि में 2018 से चार वीसी आ चुके हैं। सभी काम घर से करते रहे। वर्ष 2018 में प्रो. अमरेंद्र यादव ने ज्यादा काम घर से ही किया। प्रो. राजेश सिंह ने घर से काम करना सही समझा। प्रभारी वीसी प्रो. राज कुमार मंडल कार्यालय नहीं आये। इसके बाद प्रो. पांडेय वीसी बने।

गौरतलब है कि वीसी के पास विवि की कई फाइलें साइन होने के इंतजार में बीच में ही अटकी हुई हैं। सबसे बड़ा उदाहारण तो इन सबके बीच स्नातक एडमिशन का है। उनके पास एडमिशन कमेटी की बैठक करने के लिए फाइल भेजी गई है, लेकिन वह अब तक साइन होकर नहीं आई है। इससे स्नातक की मेरिट लिस्ट नहीं जारी हो रही है और यही कारण है कि एडमिशन की प्रक्रिया पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है।

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