Gaganyaan Mission : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कई सफलताएं अपने नाम की हैं। अब इसरो गगनयान की तैयारी कर रहा है। यह ISRO का पहला मानव मिशन होगा। गगनयान मिशन के लिए इसरो ने ‘CE-20 क्रायोजेनिक इंजन’ तैयार कर लिया है।
बुधवार को इसरो ने इस इंजन का सफल परीक्षण भी किया। गगनयान मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों के लिए एलवीएम लॉन्चिंग पैड के ‘क्रायोजेनिक चरण’ को शक्ति प्रदान करता है। आइए जानते हैं इस मिशन के बारे में और इसकी लागत क्या होगी।
गगनयान मिशन क्या है?
During the inaugural ceremony held today at the Vikram Sarabhai Space Centre, Thiruvananthapuram, Hon'ble PM unveiled the Indian Astronaut Logo and awarded the 'अंतरिक्ष यात्री पंख' to the four IAF Astronauts.#IAF will be working in 'Mission Mode' along with @isro to achieve… pic.twitter.com/x6tZIleodq
— Indian Air Force (@IAF_MCC) February 27, 2024
गगनयान (Gaganyaan) मिशन इसरो द्वारा विकसित भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मिशन में तीन अंतरिक्ष मिशन शामिल हैं। इन तीन मिशनों में से 2 मिशन मानवरहित होंगे, जबकि एक मानवयुक्त मिशन होगा। Gaganyaan Mission भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है।
मिशन में तीन चालक दल के सदस्यों को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना शामिल है। इसरो ने पिछले साल इस मिशन का परीक्षण किया था। बुधवार को इसरो ने अपने क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण किया। इस मिशन में एचएसएफसी (ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर) का विशेष योगदान है।
गगनयान में कितने लोग होंगे शामिल और कब होगा लॉन्च
ISRO के गगनयान मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। ये तीनों अंतरिक्ष यात्री तीन दिनों तक 400 किमी की पृथ्वी की कक्षा में रहेंगे और फिर पृथ्वी पर लौट आएंगे।
इसरो का गगनयान मिशन साल 2025 तक लॉन्च किया जाएगा। हालांकि, इसके शुरुआती चरण इसी साल यानी 2024 तक पूरे हो सकते हैं। इसमें दो मानवरहित मिशन को अंतरिक्ष में भेजना शामिल है। जब ये मिशन सफल होंगे तभी अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
गगनयान मिशन की लागत कितनी है?
इस मिशन पर आने वाले खर्च की बात करें तो गगनयान मिशन पर 90 अरब रुपये खर्च होंगे। इसका परीक्षण पिछले साल इसरो द्वारा ‘गगनयान’ टेस्ट व्हीकल स्पेस फ्लाइट (टीवी-डी1) लॉन्च किया गया था।