Bihari Reporter

बिहारी रिपोर्टर

खो दिए अपने दोनों बेटे फिर पोती की पढाई के लिए बेचा घर, आग की तरह फ़ैल रही है इस ऑटो वाले की कहानी

डेस्क : ऐसी अनेकों शख्सियत इस धरती पर मौजूद हैं जिनके बारे में कोई जानता नहीं है और वह अपने पैसो की वजह से नहीं बल्कि अपने हौसले से जिंदगी जी रहे हैं। कुछ ऐसा ही हमको मुंबई शहर में देखने को मिला है जहाँ पर एक ऑटो चालक ने अपने दो बेटे को खो कर भी हौसला नहीं हारा। वह अपनी जिंदगी में आज भी संघर्ष कर रहे हैं। उनके पास रहने के लिए जो घर था वह भी उन्होंने अपनी पोती को पढ़ाने के लिए बेच दिया। इनका नाम देसराज है जिन्होंने अपने दो बेटों को साल के भीतर ही मौत के मुँह में जाता देखा।

वह बताते हैं की एक दिन रोजाना की तरह उनका बेटा सुबह उठकर काम के लिए निकला था। लेकिन,वह वापस नहीं आया वह ६ साल से काम पर जा रहा था और घर आए रहा था लेकिन एक दिन वह घर नहीं आया और उसकी लाश ऑटो में मिली। कुछ समय बाद उनके दुसरे बेटे की लाश रेलवे प्लेटफार्म से मिली जिसकी खबर उनको फ़ोन पर मिली। जब यह सब हुआ तो उनकी पोती ने उनसे पुछा था की क्या दादा जी मैं स्कूल अब नहीं जा पाऊँगी। तब देसराज ने कहा नहीं ऐसा कभी नहीं होगा। तब वह सुबह सुबह ही ऑटो लेकर निकल जाते थे और देर रात तक आते थे।

बच्चों की किताब और स्कूल की फीस के बाद 6000 रूपए भरने होते थे इसके बाद जो 4000 रूपए बचे थे उससे ही घर का गुजारा चलता था। लेकिन उनकी मेहनत तब रंग लाइ जब उनकी पोती के 80% अंक आए। उस दिन सारी सवारियों को उन्होंने फ्री में सवारी करवाई। इसके बाद पोती ने कहा की मैं दिल्ली से बीएड करना चाहती हूँ जिसके लिए दुसरे शहर जाना जरूरी है। लेकिन यह चीज उनके लिए संभव नहीं थी। लेकिन पोती के सपने तो पूरे करने ही थे इसलिए घर बेच दिया और बाकी घरवालों को रिश्तेदारों के यहाँ रहने के लिए भेज दिया।

ये भी पढ़ें   Odisha Train Accident: ओडिशा हादसे के बाद न बढ़ाएं फ्लाइट का किराया- एयरलाइंस को सरकार का निर्देश

लेकिन जब उनकी पोती फ़ोन करके कहती है की मैं कक्षा में प्रथम आई तो वह काफी खुश होते हैं और जिस दन उनकी पोती टीचर बन जाएगी तो वह पूरे हफ्ते सबको फ्री राइड देंगे। मुंबई के रहने वाले गुंजन रत्ती नाम के सोशल मीडिया यूजर ने एक कैंपेन चलाया है जिसके तहत वह पैसा इकठ्ठा करके ऑटो चालाक देसराज की आर्थिक सहायता करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *