Pregnant Women Rights : गर्भवती महिला जरूर जान ले यह जरूरी कानून, काम आएगा…

Pregnant Women Rights : भारत सरकार ने महिलाओं के हित में कई कानून बनाए हैं। ताकि वे समाज में सिर उठाकर जी सके। वह खुद को  कमजोर ना समझे और उनके अधिकार का हनन न हो इसके लिए भारत सरकार ने महिलाओं के हित के लिए कई कानून लाए हैं। महिलाओं के अधिकारों को हनन करने की कोशिश करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिल सकती है।

गर्भवती महिलाओं के हित में भी कई प्रावधान है। जिसका वह इस्तेमाल कर सकती हैं। खासकर कामकाजी महिलाओं को इन कानूनों से जरूर अवगत रहना चाहिए। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women Rights) के हित में बनाए गए कुछ प्रावधान के बारे में बताते हैं।


छुट्टी से नहीं किया जा सकता इनकार

जो महिलाएं दफ्तर (Office) में काम करती है। यदि वह गर्भवती हैं तो उन्हें छुट्टी के लिए इंकार नहीं किया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women Rights) पर अधिक काम करने का दबाव बनाना भी गैरकानूनी है। किसी गर्भवती महिला की डिलीवरी के तुरंत बाद कोई ऑर्गेनाइजेशन उसे तुरंत ऑफिस ज्वाइन करने के लिए नहीं कह सकता है।

मेटरनिटी बेनिफिट एक्ट (Maternity Benefit Act) 1961 के तहत कोई भी कंपनी किसी गर्भवती महिला को काम से बाहर नहीं निकाल सकता है। यह गैरकानूनी है। ऐसा करने वाले को 3 साल तक की सजा हो सकती है।

26 महीने की मैटरनिटी लीव

गर्भवती महिलाओं को 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव (Maternity leave) का प्रावधान है। वे 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव ले सकती हैं इस दौरान कंपनी को उन्हें पूरी सैलरी देनी होगी। यदि कोई कंपनी ऐसा नहीं करती तो उसपर कार्रवाई हो सकती है।