डेस्क : जुगाड़ शब्द इतना प्रसिद्ध और वजनदार है कि इसे ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में भी शामिल किया गया है। भारतीयों ने कई क्षेत्रों में जुगाड़ में महारत हासिल की है। सोशल मीडिया पर आए दिन कई ऐसे वीडियो देखने को मिलते हैं, जिनमें भारतीय युवा जुगाड़ से बड़ी-बड़ी रचनाएं कर रहे हैं। जुगाड़ एक ऐसा माध्यम है जिसमें कम खर्च में आपका सपना साकार हो सकता है। ऐसा ही कुछ नंदनगरी बी प्रखंड स्थित भीष्म पितामह सर्वोदय बाल विद्यालय के 12वीं के छात्र शमीम ने किया है।
सिंगल चार्ज में 110 किमी : दरअसल कॉमर्स के छात्र शमीम ने कबाड़ से ऐसी इलेक्ट्रिक बाइक तैयार की है, जिसकी कीमत महज 30 हजार रुपये है. इस बाइक की खासियत यह है कि यह एक बार चार्ज करने पर 110 किमी की दूरी आसानी से तय कर सकती है। पेट्रोल के दाम जिस तरह बढ़ रहे हैं, उससे कम बजट वाले लोगों के लिए यह इलेक्ट्रिक बाइक एक बेहतर विकल्प होगी। युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम शुरू किया गया, जिसके तहत प्रतिभाशाली छात्र कई रचनात्मक और अभिनव परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। शमीम ने दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के तहत ई-बाइक डिजाइन की है।
भीष्म पितामह सर्वोदय बाल विद्यालय के 12वीं के छात्र : शमीम ने दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के तहत एक ई-बाइक भी डिजाइन की है, जिसकी कीमत बाजार में उपलब्ध ई-बाइक से काफी कम है। आपको बता दें कि शमीम ने इस बाइक को दिल्ली सरकार से मिले 16 हजार रुपये के सीड मनी से तैयार किया है. यह बीज राशि सरकार ने शमीम समेत आठ छात्रों को दी थी, लेकिन सभी छात्रों की सहमति से यह सारा पैसा शमीम को ही दे दिया गया। शमीम ने उस पैसे में सात हजार का निवेश किया और इसे 23 हजार में बनाकर ई-बाइक बना लिया।
ई-बाइक की कीमत है सिर्फ 30 हजार रुपए : शमीम ने अपनी लागत और मेहनत को जोड़कर इस ई-बाइक की कीमत 30 हजार रुपये रखी है। शमीम के मुताबिक इस बाइक को बनाकर उन्हें अपने शिक्षकों, दोस्तों और रिश्तेदारों से काफी सराहना मिल रही है। बता दें कि शमीम के पिता इनवर्टर की दुकान में काम करते हैं और उनकी मां गृहिणी हैं। शमीम चार भाइयों में सबसे छोटा है। भीष्म पितामह सावरेदय बाल विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार बताते हैं कि शमीम एक मेहनती और होनहार छात्र है।
शिक्षा विभाग को भेजी जाएगी रिपोर्ट : प्रमोद के मुताबिक जब शमीम को बाइक ऑफर की गई तो किसी को अंदाजा नहीं था कि इतनी कम उम्र में यह बच्चा बाइक बना सकता है, लेकिन जब शमीम अपनी बनी इलेक्ट्रिक बाइक सबके सामने लेकर आए तो सभी को उन पर बहुत गर्व हुआ। अब शमीम की तारीफ पूरे स्कूल में हो रही है। प्रमोद कुमार ने स्कूल के एंटरप्रेन्योर माइंडसेट करिकुलम (EMC) के संयोजक एसके सिंह के साथ मिलकर शमीम के प्रोजेक्ट की अलग से फाइल तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजने का फैसला किया है, ताकि शमीम को आगे बढ़ने का मौका मिल सके. और उसके काम के लिए प्रोत्साहन प्राप्त करें।