डेस्क : भारत में अनेकों व्यापारियों ने जन्म लिया है। ऐसे में जब व्यापारी पैसा कमाता है तो दुनिया देखती है, समय के साथ-साथ व्यापारियों ने अपने धंधे में बदलाव किए हैं। लेकिन, उनकी एक चीज टस से मस नहीं हुई और वह है पैसे बचाने की आदत। पैसे बचाने की आदत के चलते हैं वह जितना पैसा कमाते हैं उसको अपने घर रख लेते हैं।
ऐसे में सरकार को इस पैसे का पता ही नहीं लगता। साथ ही घर पर पड़े पैसे के तरह से बर्बाद हो जाते थे, जिनके कारण लोगों को भी उस पैसे का लाभ नहीं होता था। कुछ इसी तरह का उदाहरण हमें देखने को मिला है, दक्षिण भारत के सूअर खरीदने व बेचने के व्यापारी के घर में। तेलंगाना के कृष्णा जिले के मालवा गाँव में जमाल नाम का एक कारोबारी रहता है, जो सूअरों की खरीददारी करता है और इनको ऊँचे भाव में बेच देता है। ऐसे में उसने सोचा की वह एक आलीशान घर बनवाएगा, जैसा कि हर कोई देखता है लेकिन आलीशान घर बनवाने का सपना उसका पूरा ना हो पाया क्योंकि जिस संदूक में उसने यह पैसे जमा करके रखे थे उस में दीमक लग गए, काफी दिनों में एक भी नोट ऐसा नहीं छोड़ा जो इंसान के उपयोग के लायक हो।
ऐसे में कई समय बाद जब व्यापारी ने अपना संदूक खोला तो वह आश्चर्यचकित रह गया। उसने देखा कि उसके सारे नोटों पर दीमक लग चुके हैं। ऐसे में वह किसी काम की नहीं रही, जिस कारण उसने वह सारे फटे नोट गलियारों में खेलते बच्चों में बांट दिए। उसकी किस्मत इतनी खराब निकली की किसी ने इतने सारे पैसों से बच्चों को खेलता देख पुलिस को जानकारी दे दी। उसके बाद क्या था पुलिस व्यापारी के घर पर आ गई और व्यापारी के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया।