Transgender : कोई भी शादी हो सगाई हो किसी बच्चे का नामकरण हो आपने अपने घर में होने वाले किसी भी शुभ काम में किन्नर को आते देखा होगा। ऐसा कहते हैं कि किन्नर के उपस्थिति के बिना कोई भी शुभ काम अधूरा होता है।
किन्नर (Transgender) शुभ काम में आकर हमें आशीर्वाद देते हैं उनका आशीर्वाद काफी शुभ माना जाता है। इसलिए ऐसा कहते हैं कि किन्नर को भूलकर भी नाराज नहीं करना चाहिए।
किन्नर का हाव-भाव लोगों से थोड़ा अलग दिखाई देता है। आपने बहुत सारे किन्नरों को ताली बजाते देखा होगा। मगर यह आम ताली नहीं है वह थोड़ा अलग तरीके से ताली बजाते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि किन्नरों की तालियों में क्या होता है खास।
किन्नरों की तालियां क्यों होती है खास
आपने देखा होगा कि किन्नर (Transgender) अलग तरीके से तालियां बजाते हैं। तली की खास आवाज और बजाने के तरीके से एक किन्नर दूसरे किन्नर की पहचान करते हैं। शादी ब्याह हो या कोई भी शुभ काम किन्नर वहां ताली बजा कर अपनी खुशी का इजहार करते हैं।
किन्नरों के ताली बजाने का तरीका थोड़ा अलग होता है। उनका एक हाथ हॉरिजेंटल तो दूसरा हाथ वर्टिकल तरीके से आपस में जुड़ता है। और उनकी उंगलियां आपस में दूर-दूर रहती है।
योगाचार्य का कहना है कि किन्नर (Transgender) जल्दी बीमार नहीं पड़ते क्योंकि वे ताली बजाते हैं। आपने यह भी देखा होगा कि किन्नर जल्दी बीमार नहीं पड़ते। क्योंकि वे ताली बजाते हैं और ताली बजाना एक्यूप्रेशर थेरेपी है।