डेस्क : इस देश में ऐसी महिलाएं भी रह रही है जो अपने स्वार्थ के अलावा दुनिया का भी ख्याल रखना बखूबी जानती हैं आपको बता दें कि बिहार के शेखपुरा जिला अधिकारी इनायत खान भी कुछ ऐसा ही कार्य कर रही है, पुलवामा अटैक में बिहार के सीआरपीएफ के जवान जो शहीद हो गए थे उनकी एक-एक बेटी की परवरिश इनायत खान कर रही हैं।
उन्होंने बच्चियों की पूरी पढ़ाई का खर्चा उठाया है और आजीवन उनके परिवार के लिए वह मदद करने की जिम्मेदारी ले चुकी हैं। उनका मानना है कि अगर ऊपर वाले ने आपको इस काबिल बनाया है कि आप दूसरों की मदद कर सके तो आप जरूर दूसरों के काम आए नहीं तो आपका जीवन व्यर्थ है। उन्होंने अपना 2 दिन का वेतन भी शहीदों के परिवार के नाम कर दिया। बिहार के जो 2 जवान शहीद हुए थे वह रतन कुमार ठाकुर और संजय सिन्हा है। इनकी बेटी को इनायत खान ने गोद लिया है।
इनायत खान बचपन से ही पढ़ने में तेज थी जिसके चलते उन्होंने 2011 मैं सिविल सर्विसेज परीक्षा को पास किया लेकिन इससे पहले वह इंजीनियरिंग कर चुकी थी इंजीनियरिंग में उनको सॉफ्टवेयर का काफी शौक रहा, जिसके चलते उन्होंने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की कंपनी में भी काम किया उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई 2007 में पूरी की थी लेकिन उनका लक्ष्य कुछ और ही था मैं जानती थी कि भारत का सरकारी व्यवस्था बेहद ही ढीली है। इसको सुधारने की जरूरत है इस कारण उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ कर आई ए एस की तैयारी की और बिहार के बाबुओं को सुधारने के लिए सरकारी विभाग में उतर गईं। अब अधिकारी इनायत खान सामाजिक पृष्ठभूमि को सुधारने में लगी है।