PM Modi की बिहार को बड़ी सौगात! IIT-AIIMS के बाद मिला IIM का तोहफा, जानिए-

डेस्क : बिहार में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब राज्य में आईआईटी और मेडिकल कॉलेज के बाद बच्चे आईआईएम से एमबीए भी कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि बिहार के बच्चों को एमबीए करने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

बिहार के गया स्थित नवनिर्मित भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) का निर्माण पूरा हो गया है। अब इसका उद्घाटन 20 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। IIM बोधगया में पांच तरह के कोर्स पढ़ाये जायेंगे। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

चलाए जाते हैं 5 तरह के कोर्स

आपको बता दें कि बोधगया में मगध यूनिवर्सिटी के ठीक बगल में 73 एकड़ में IIM की नई बिल्डिंग बनाई गई है। यहां पांच तरह के कोर्स चलाए जाते हैं। जिसमें मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, एमबीए डिजिटल बिजनेस मैनेजमेंट, हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर मैनेजमेंट, पीएचडी प्रोग्राम इन मैनेजमेंट और इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट शामिल हैं।

IIM संस्थान की स्थापना 31 अगस्त 2015 को मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के परिसर में की गई थी। इस दौरान बोधगया आईआईएम ने सफलता की कई ऊंचाइयों को छुआ है। जब पूरी दुनिया कोरोना काल से जूझ रही थी। इस दौरान कई बड़ी कंपनियों ने आईआईएम बोधगया के छात्रों का अपने संस्थानों के लिए चयन किया।

आईआईएम बोधगया (IIM Bodhgaya) के लगभग सभी छात्रों को विभिन्न संस्थानों में प्लेसमेंट मिला। इतना ही नहीं, इस इंस्टीट्यूट ने रिसर्च के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (अमेरिका) के साथ भी टाई अप किया है।

आप 12वीं पास करने के बाद भी एडमिशन ले सकते हैं

इस संस्थान में 18 राज्यों के 72 छात्रों ने प्रबंधन पाठ्यक्रम में पांच वर्षीय एकीकृत कार्यक्रम के पहले बैच में दाखिला लिया है। इस पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एमबीए कोर्स में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। एकीकृत कार्यक्रम की नींव तीन साल के पाठ्यक्रम और शेष दो वर्षों में प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रमों का हिस्सा है। यह पढ़ाई 5 साल की होगी जो एमबीए की डिग्री के बराबर होगी।