Bihar के लाल ने किया कमाल! बना दिया चंद्रमा पर उतरने वाला मानव रहित रोवर…

डेस्क : बिहार की धरती से कई विद्वानों ने पूरी दुनिया में परचम लहराया है। इसी कड़ी में भागलपुर के युवा वैज्ञानिक गोपाल जी ने अपनी बुद्धिमत्ता, ज्ञान और पूरी टीम की मेहनत से चंद्रमा पर उतरने वाला मानव रहित रोवर बनाया है।

युवा वैज्ञानिक गोपाल जी ने बताया कि नासा की ओर से हर साल इनोवेटिव आइडिया मांगे जाते हैं। जिसमें विभिन्न प्रकार के विचारों का चयन किया जाता है। उन्होंने बताया कि भारत से 3 टीमों का चयन किया गया है।

लेकिन हमारा विश्व का एकमात्र एनजीओ है जिसे चुना गया है। दुनिया भर से 30 टीमों का चयन किया गया है। इस साल यह कार्यक्रम 19 और 20 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा। आइए जानते हैं गोपाल जी के इस खास आविष्कार के बारे में।

गोपाल जी ने बताया कि अगर इस रोवर का आइडिया नासा द्वारा चुना जाता है तो नासा इस प्रोजेक्ट को अपने हाथ में ले लेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए टीम को पुरस्कृत किया जायेगा।

गोपाल ने बताया कि मेरा एनजीओ वाईएमआरडी है, जिसके तहत कुल 13 बच्चे भाग ले रहे हैं। ये सभी देश के अलग-अलग राज्यों के हाई स्कूल के बच्चे हैं। जिसके जरिए इसे तैयार किया गया है।

इसमें मार्गदर्शक का कार्य गोपाल जी ने किया है। आपको बता दें कि 13 बच्चों में से 4 बच्चे बिहार के भी हैं। उन्होंने बताया कि अगर नासा मौका देगी तो हमारी टीम उनके साथ काम करेगी।

कैसे तैयार हुआ रोवर?

गोपाल ने बताया कि रोवर को तैयार करने में एक महीने का समय लगा। इसमें पूरी टीम ने कड़ी मेहनत की। उन्होंने बताया कि इसे तैयार करने के पीछे का मकसद यह समझना है कि चंद्रमा की सतह कैसी है।

हम वहां आसानी से कैसे चल सकते हैं? इसी को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया है। गोपाल ने बताया कि यह प्रोजेक्ट गुड़गांव में तैयार किया गया है। इसे बनाने में कुल 10 लाख रुपये का खर्च आया। इसके लिए मुझे एथेरियम फाउंडेशन से समर्थन मिला है।

पहले भी किया है अद्भुत काम

आपको बता दें कि गोपाल ने महज 13 साल की उम्र में केले के अंगूठे से बिजली बनाई थी। जिसके बाद उनका वैज्ञानिक बनने का सफर शुरू हुआ। नासा से भी काम करने का ऑफर मिला था। जिसे गोपाल ने अस्वीकार कर दिया था। अब तक गोपाल कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुके हैं।