डेस्क : राज्य सरकार बिहार में रह रहे सभी समलैंगिक लोगों के लिए नए कानून बना रही है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा पारित किए गए ट्रांसजेंटर कानून के मुताबिक सभी ट्रांसजेंडर लोगों को सरकारी नौकरी में जगह मिल रही है। हाल ही में बिहार को अपना नया ट्रांसजेंडर सिपाही मिल गया है। बता दे की इस ट्रांसजेंडर सिपाही का पहले नाम रचना था। रचना के बाद सिपाही ने अपना नाम रचित रख दिया। रचित को कैमूर जिले के एसपी का बॉडीगार्ड नियुक्त किया गया है। वह इस वक्त कैमूर जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
रचित का कहना है कि जब तक मैं रचना बन कर जी रहां था तो लगता था कि मेरे अंदर लड़कों वाले लक्षण हैं। मैंने 2016 में अपनी बात कई लोगों को बताई लेकिन लोगों ने बातों का जमकर विरोध किया। ज्यादा जानकारी के लिए बता दें कि जब रचित सोशल मीडिया पर आए तो उनको लड़कों के बजाय लड़कियों में दिलचस्पी आने लगी। ऐसे में जब वह एक लड़की की जिंदगी जी रहे थे तो समझ गए कि उनको लड़कियां बिल्कुल भी पसंद नहीं है। साल 2018 मे वह सिपाही नियुक्त किए गए थे, फिलहाल वह कैमूर जिले में अपनी सेवाएं देते नजर आ रहे हैं।
उनका कहना है कि एक ट्रांसमैन की तरह जीने के लिए काफी परेशानी आती है। इसके लिए एक एफिडेविट भी बनाना पड़ता है, लेकिन मात्र कागज भर से काम नहीं चलता। लोगों के बीच में आकर जब आप यह कहते हैं कि आप इस तरह के आदमी है जो बाकी लोगों से विपरीत है तो आपको अलग निगाहों से देखा जाता है। यह सब रचित के लिए काफी कठिन है। राज्य में ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लाया गया था जिसके तहत कोई भी ट्रांसजेंडर आकर अपना प्रमाण पत्र बनवा सकता है। फिलहाल इस प्रमाण पत्र बनाने के लिए कोई भी केंद्र निर्धारित नहीं किया गया है, जिससे इस समुदाय के और लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।