जेडीयू के नेता बोले हमारी पीठ में भोंका छूरा, नितीश ने कहा पुरानी बात भूलकर पार्टी की अखंडता का रखें ख्याल

डेस्क : बिहार में नई सरकार गठित हुए 60 दिन से ऊपर हो चुके हैं और अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी साथी नेताओं से यह गुहार लगा रहे हैं कि वह एक साथ रहे और पार्टी को मजबूत करने में सहयोग करें। काफी समय से बिहार की राजनीति इस वजह से गरमाई हुई है कि नेता पार्टियों में टिक नहीं रहे हैं। वह पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टियों में जा रहे हैं इससे यह साफ जाहिर होता है कि वह पार्टी को संगठित तौर पर नहीं देखना चाहते हैं। वह बस अपना लाभ देख रहे हैं।

एक तरफ राजद और कांग्रेस पार्टी की बहस चल रही है तो दूसरी ओर भाजपा और जेडीयू में भी तनाव बरकरार है। जेडीयू पार्टी के कई नेताओं ने लोजपा पार्टी पर यह आरोप लगाया कि लोजपा की इतनी औकात नहीं कि वह उन को हरा दे लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने भी लोजपा का बखूबी साथ निभाया जिस वजह से लोजपा जेडीयु को हराने में कामयाब रही।

नीतीश कुमार अभी भी यह समझा रहे हैं कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे। लेकिन उन्हें दबाव के कारण बनना पड़ा क्योंकि उनके पास कोई और विकल्प नहीं था। नीतीश कुमार का कहना है कि सभी नेताओं को आपसी मतभेद छोड़कर जनता के लिए काम करना चाहिए जैसे पहले हर पार्टी के नेता अपने इलाकों में काम कर रहे थे उस ही लगन के साथ उनको फिर से जमीनी स्तर पर जाकर आम जनमानस के लिए काम करना चाहिए और पार्टी की अखंडता बरकरार रखनी चाहिए।

दूसरी ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा है कि हम लोगों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की बात पर अमल करना चाहिए और करोना काल की वजह से हमें अपने लोगों तक पहुंचने में काफी परेशानी हुई जिस वजह से दूसरी पार्टी के लोग हमारे वोट काट कर ले गए लेकिन हमारा संकल्प इतना मजबूत है और लोगों में इतना विश्वास है कि अभी भी हम बिहार के लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि हम सत्ताधारी पार्टी होकर कोई अहंकार अपने अंदर ना आने दे। हम कोई अलग से नहीं आए हैं बल्कि आम लोगों में से ही चुनकर आए हैं इस वजह से हमें जनता के लिए काम करना होगा और आपसी मतभेदों को खत्म करना होगा।

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