Bihar में शराबबंदी को लेकर Patna High Court का पक्ष जानेगा SC, जानें – कब तक मांगा जवाब..

डेस्क : बिहार में मद्य निषेध अधिनियम लागू होने के बाद से न्यायालयों में केसों की बढ़ती संख्या को लेकर अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट पर हैं। शराबबंदी के लंबित मामलों और राज्य सरकार की ओर से शराबबंदी विधेयक में संशोधन के बाद की गई नयी व्यवस्था को लेकर सुप्रीम कोर्ट, अब पटना हाईकोर्ट का पक्ष जानेगा। इसके बाद ही इस केस पर आगे विचार किया जाएगा।

दरअसल, शराबबंदी संशोधन कानून के तहत बिहार सरकार ने प्रथम बार अल्कोहल पीकर पकड़े जाने वाले लोगो को कार्यपालक दंडाधिकारी के स्तर पर ही जुर्माना लेकर छोड़े जाने की व्यवस्था की है। इसके लिए बिहार सरकार ने पटना हाइकोर्ट से न्यायिक शक्तियां दिये जाने का अनुरोध भी किया गया था जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के उपायुक्त कृष्ण कुमार जी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय में शराबबंदी के लंबित मामलों से जुड़ी सुनवाई भी हुई थी। सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के अधिवक्ता ने यह बताया कि लंबित मामलों से निबटने के लिए प्रदेश सरकार ने विशेष न्यायधीशों के कुल 74 पदों पर भर्ती की स्वीकृति का भी प्रस्ताव भेजा था। इसके लिए आधारभूत संरचना के निर्माण के साथ बजट भी प्रावधान भी किया गया है। मानवबल के तौर पर (766 कर्मचारी) की मंजूरी भी दे दी गयी है।

इसके बावजूद तदर्थ व्यवस्था पर काम शुरू हो रहा है। इस पर हाई कोर्ट की बेंच ने कहा कि हम इस पहलू की भी जांच कर रहे हैं कि प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत न्यायिक अधिकारियों की जगह भर्ती होनी ही चाहिए। इस सिस्टम को लागू करने में पटना हाइकोर्ट की कोई हिचकिचाहट तो नहीं है, यह भी देखा जाएगा कि इसे लेकर रजिस्ट्रार के माध्यम से पटना हाइकोर्ट को नोटिस देकर 27 सितंबर तक की तारीख में जवाब मांगा गया

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