एक ताने ने बदल दी पूरी जिंदगी! डॉक्टरी छोड़ कर ऐसे बनी प्रियंका शुक्ला IAS

डेस्क : भारतवर्ष में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में उत्तीर्ण होना काफी सारे भारतीयों का सपना होता है हालांकि अपने सपने को पूरा करने में कामयाब केवल कुछ ही लोग हो पाते हैं। बता देंगे सिविल सर्विसेज की परीक्षा को भारत देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है साथ ही इसमें उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को काफी ज्यादा मेहनत वह परिश्रम करना पड़ता है।

PRIYANKA SHUKLA ONE

एक ऐसी ही आईएएस ऑफिसर की कहानी आज हम आप तक लेकर आए हैं यह कहानी है ऑफिसर प्रियंका शुक्ला की जिन्होंने अपने डॉक्टरी के सपने को छोड़कर आईएएस ऑफिसर बनने की ठान ली थी आपको बता दें कि वर्ष 2009 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा को पास करके वह आईएएस अधिकारी बनी थी तो आइए उनका आईएएस बनने तक का सफर व उसके पीछे छुपा उनका कड़ा परिश्रम और दिन रात एक कर देने वाली मेहनत की कहानी को जानते हैं।

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आपको बता दें कि प्रियंका शुक्ला एक मेडिकल की छात्रा रही हैं उन्होंने अपनी मेडिकल की पढ़ाई जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से करी थी लेकिन उनका पूरा परिवार यही चाहता था कि वह बड़ी होकर एक बड़ी अफसर बने उनके पिता एक जिला अधिकारी थे और उनका यही सपना था कि उनकी बेटी बड़ी होकर कलेक्टर या फिर आईएएस ऑफिसर ही बने। जानकारी के लिए बता दें कि प्रियंका ने एमबीबीएस के लिए नीट का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करके लखनऊ के जाने-माने मेडिकल कॉलेज किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था वहां से उन्होंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई को पूरा करें और उधर ही अपनी डॉक्टरी की प्रैक्टिस भी शुरू कर दी थी वह अपने काम में काफी खुश रहती थी लेकिन इसके बाद हुई दुर्घटना ने उनका जीवन ही मानव पलट कर रख दिया हो।

अपनी प्रैक्टिस के दौरान 1 दिन प्रियंका यानी कि झुग्गियों में लगे हेल्थ केयर कैंप में लोगों की जांच के लिए गई थी जहां पर उन्होंने एक ऐसा दृश्य देखा जो कि काफी ही भयानक था उन्होंने देखा कि एक महिला वहां पर काफी ज्यादा गंदा पानी पी रही थी वह उसके साथ-साथ अपने बच्चों को भी वही गंदा पानी पिला रही थी प्रियंका ने उस महिला से यह कहा कि वह इस गंदे पानी को ना पिए तो उस महिला ने मोड़ करके उन्हें जवाब दिया कि वह उसकी बात क्यों माने क्या वह कहीं की कलेक्टर हैं? यह बात सुनकर प्रियंका एकदम दंग रह गई और उन्होंने उसी क्षण कलेक्टर बन जाने का निर्णय करा इसके बाद प्रियंका ने सिविल सर्विसेज के एग्जाम में अपीयर होने का फैसला करा उन्होंने अपना पहला अटेम्प्ट दिया लेकिन उसमें वह सफल रही इसके बाद भी उन्होंने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी और वह बार-बार परीक्षा दे दी गई और आखिर में वर्ष 2009 में जाकर के वह आईएएस ऑफिसर बन ही गई।

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