पोषण माह 2020 : पीएम मोदी ने स्कूली बच्चों का पोषण कार्ड बनाने का किया आग्रह, जानें क्या है कारण

डेस्क : भारत में हर साल सितंबर (September) महीने को पोषण माह (Nutrition Month)के रूप में मनाया जाता है।इस दौरान पोषण (Nutrition) संबंधी आवश्यकताओं, कमियों और कुपोषण के बारे में जागरूकता फैलाने के दिशा में कार्य किया जाता है।

इस महीने की शुरुआत में अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पोषण संबंधी नई पहल और अभियानों के बारे में बात की जिसे भारत सरकार शुरू करना चाहती है। एक तरफ जहां कृषि निधि के निर्माण जैसी पहल आवश्यक है जो प्रत्येक जिले में उगाई जाने वाली फसलों के बारे में जागरूकता फैलाती है और उनके पोषण मूल्यों के बारे में भी जानकारी देती है, पीएम मोदी के पोषण संबंधी रिपोर्ट कार्ड (Report Card) का आइडिया इस बारे में अधिक सटीक है। पोषण कार्ड की जरूरत के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह स्कूलों में रिपोर्ट कार्ड की तरह काम करने वाला पोषण कार्ड होगा जो छात्रों में पोषण जागरूकता फैलाने में मदद करेगा। हालांकि भारत में सिर्फ स्कूली बच्चे ही जनसंख्या का एकमात्र उपवर्ग नहीं हैं जिन्हें इस तरह के पोषण कार्ड की आवश्यकता है।

पोषण रिपोर्ट कार्ड की आवश्यकता :-

ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय जनसंख्या के सभी वर्गों के बीच पोषण संबंधी कमियां और कुपोषण की समस्या प्रचलित है और एक ऐसा रिपोर्ट कार्ड जिसमें व्यक्तिगत कमियां, उनके प्रभावों और उन्हें कैसे दूर किया जाए के बारे में जानकारी होगी वह सभी के लिए उपयोगी होगा। किसी पोषण की अधिकता या ओवरन्यूट्रिशन- कुपोषण का एक प्रकार है जिस पर शायद ही कभी लोग ध्यान केंद्रित करते हैं जब तक कि वजन कम करने की आवश्यकता न हो- भारत में कुछ निश्चित पोषक तत्वों के ओवरन्यूट्रिशन की समस्या भी लगातार बनी हुई है। “जिन भोजन में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जिसमें सरल कार्ब्स होते हैं, सैचुरेटेड फैट होता है, चीनी और उच्च सोडियम से भरपूर होता है, इस तरह का भोजन आसानी से उपलब्ध होता है और समय की बचत के लाभों के कारण इसे स्वास्थ्यप्रद विकल्पों की जगह चुना जाता है।” इस तरह की सभी जानकारियां इस माह में दी जाती है और लोगों को जागरूक किया जाता है ।

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