मिसाल! पेट्रोल पंप पर काम करने वाले पिता ने घर बेचकर बेटे को पढ़ाया, बेटा UPSC परीक्षा टॉप कर बना IAS..

डेस्क : अगर आप में किसी लक्ष्य को पाने का जज्बा है तो परिस्थिति कैसी भी हो, आप उस लक्ष्य को हासिल कर ही लेंगे। आज हम बात कर रहे हैं देश के सबसे चर्चित युवा IAS अफसर प्रदीप सिंह की। जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास कर यह दिखाया। प्रदीप सिंह ने यूपीएससी परीक्षा में 26वीं रैंक हासिल कर देश भर में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन किया है।

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कौन हैं (Pardip Singh IAS) प्रदीप सिंह : प्रदीप सिंह बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। उनके (प्रदीप सिंह आईएएस) पिता एक पेट्रोल पंप पर काम करते थे। लेकिन वह बच्चों की शिक्षा के प्रति सचेत थे। प्रदीप बचपन से ही पढ़ने-लिखने में बहुत तेज थे। वह स्कूल की हर परीक्षा में अव्वल आता था। उसकी मेहनत और लगन को देखकर उसके परिवार वाले बहुत खुश हुए। उनके पिता को यकीन था कि मेरा बेटा एक दिन कुछ बड़ा करेगा। प्रदीप ने भी अपने पिता के विश्वास को हकीकत में बदल दिया।

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पिता ने घर बेचकर बेटे को दिल्ली पढ़ने भेजा : प्रदीप ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली में IAS की कोचिंग करना चाहता था। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति को देखकर वह (प्रदीप सिंह आईएएस) घरवालों को अपनी इच्छा बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। लेकिन जैसे ही उनके पिता को उनकी इच्छा के बारे में पता चला। उन्होंने अपना घर बेच दिया और अपने बेटे को सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया।

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UPSC की परीक्षा प्रथम प्रयास में उत्तीर्ण : प्रदीप जून 2017 में दिल्ली के लिए रवाना हुआ था। उसके पीछे उसके परिवार वालों की उम्मीदें थीं। दिल्ली जाने के बाद उन्होंने बाजीराव कोचिंग ज्वाइन कर ली और पूरे मन से आईएएस की तैयारी करने लगे। अब उनका एकमात्र लक्ष्य आईएएस अधिकारी बनना है। इसी बीच उसे पता चलता है कि उसके पिता ने उसकी पढ़ाई के लिए उसका घर बेच दिया है। घरवालों के हौसले को देखकर उन्हें और भी प्रेरणा मिली। वह अधिक मेहनत करने लगा। प्रदीप अपनी पढ़ाई में लगा रहा। उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने पहले ही प्रयास में अखिल भारतीय 93वां रैंक हासिल कर पूरे देश में अपने पिता और अपने परिवार के सदस्यों का नाम रोशन किया।

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93वां रैंक पाकर नहीं मिली खुशी : प्रदीप ने 2018 में अखिल भारतीय में 93वीं रैंक के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की लेकिन वह अच्छे अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करना चाहता था। इसलिए उन्होंने फिर से सिविल सेवा की परीक्षा दी और 2019 में भी वे सफल रहे। इस बार उन्होंने 26वीं रैंक से आईएएस की परीक्षा पास की। माता-पिता को अपना आदर्श मानें : एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में अपने पिता (प्रदीप सिंह आईएएस) से बच्चों की पढ़ाई के सवाल पर कहते हैं कि ”मैं इंदौर के एक पेट्रोल पंप पर काम करता हूं. मैंने बच्चों को पढ़ाया ताकि वे अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सकें। मैं अपने बेटे की सफलता से बहुत खुश हूं। मुझे इस बात की ज्यादा खुशी है कि वह आम लोगों से कुछ अलग कर रहे हैं। उन्होंने प्रदीप की पढ़ाई के दौरान घरवालों को हो रही दिक्कतों का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्हें और उनकी पत्नी को काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा। बातचीत में प्रदीप बताते हैं कि उनके पिता ने उन्हें कभी भी पैसों और शिक्षा की कमी महसूस नहीं होने दी। घर की आर्थिक स्थिति कितनी भी खराब क्यों न हो। उसने हमसे इसका जिक्र तक नहीं किया। हम सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देने की बात करते थे। इस तरह प्रदीप की सफलता उन लाखों युवाओं और अभिभावकों के लिए प्रेरणादायी है जो जीवन में कुछ करना चाहते हैं या अपने बच्चों को कुछ बनाना चाहते हैं। “जिंदगी बहुत है तेरे हौसलों में, राह में निकल जाओ तो हर मंजिल आसान है”

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